एंट्री लेवल वाली कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री अभी तक पूरी तरह नहीं सुधर पाई है तथा वैश्विक महामारी से पहले वाला शीर्ष स्तर पार करने से काफी दूर है। सायम के आज के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। छोटी यात्री कार श्रेणी की बिक्री पिछले साल की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत घटकर 1.52 लाख रह गई। साल 2018-19 में भारत में करीब 4.71 लाख छोटी यात्री कारें बिकी थीं।
सामान्य आवागमन वाली मोटरसाइकिल श्रेणी (75-110 सीसी इंजन) में पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत की वृद्धि के साथ 56.51 लाख वाहन बिक्री देखी गई। हालांकि यह अब भी साल 2018-19 की 84.22 लाख वाहन बिक्री के महामारी से पहले वाले शीर्ष स्तर से काफी कम है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया कि बिक्री में इस लगातार गिरावट के दो प्राथमिक कारण हैं। एक, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में धीमी रफ्तार से सुधार और दूसरा, ग्राहकों का ऊंची श्रेणी में वाहन खरीदने को प्राथमिकता देना।
उन्होंने बताया ‘शुरुआती स्तर वाली श्रेणी में, चाहे वह दोपहिया हो या यात्री वाहन, हम बिक्री में गिरावट देख सकते हैं। जो श्रेणी कुछ ऊंची हैं, वे ज्यादा तेजी से बढ़ रही हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पूरी तरह सुधार नजर नहीं आने की वजह से ऐसा हो सकता है।’
उन्होंने कहा ‘मॉनसून के मौजूदा परिदृश्य के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था बेहतर ही होगी। इसलिए लगता है कि शुरुआती स्तर की बिक्री में भी सुधार होगा। हमें एक श्रेणी से दूसरी श्रेणी में जाने वाले कारक को भी ध्यान में रखना चाहिए। यह भी संभव है कि शुरुआती स्तर की श्रेणी से ऊंची श्रेणी में बहुत अधिक बदलाव हुआ हो।’