श्रीराम फाइनेंस ने शुक्रवार को बताया कि जापान की मित्सुबिशी UFJ फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG) कंपनी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 39,617.98 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह निवेश प्रेफरेंशियल इश्यू के जरिए प्राइवेट प्लेसमेंट आधार पर किया जाएगा, जिसमें प्रति शेयर कीमत 840.93 रुपये रखी गई है। यह सौदा भारतीय फाइनैंशल सर्विसेज सेक्टर में अब तक के सबसे बड़े निवेशों में से एक है। इसके लिए नियामकीय व शेयरधारकों की मंजूरी लेनी होगी। इस लेनदेन के पूरा होने के बाद MUFG को श्रीराम फाइनेंस के बोर्ड में दो नॉन-इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नामित करने का अधिकार मिलेगा।
कंपनी ने बताया कि MUFG को 840.93 रुपये प्रति शेयर की दर से 47.1 करोड़ से अधिक शेयर जारी किए जाएंगे, जिससे उसे कंपनी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी।
श्रीराम फाइनेंस ने कहा, “कंपनी की ओर से जारी और अलॉट किए जाने वाले और इन्वेस्टर द्वारा सब्सक्राइब किए जाने वाले सब्सक्रिप्शन शेयर, कंपनी की पोस्ट-इश्यू शेयर कैपिटल का 20 प्रतिशत माइनॉरिटी इन्वेस्टमेंट होंगे, जो पूरी तरह से डाइल्यूटेड आधार पर होगा। सौदा पूरा होने के बाद, इन्वेस्टर को कंपनी का पब्लिक शेयरहोल्डर माना जाएगा।”
इसके अलावा, कंपनी ने बताया कि उसके प्रमोटर और प्रमोटर समूह के सदस्यों- श्रीराम कैपिटल, श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट, श्रीराम वैल्यू सर्विसेज और साउथ अफ्रीका स्थित सानलाम लाइफ इंश्योरेंस- ने MUFG और सानलाम इमर्जिंग मार्केट्स (मॉरीशस) लिमिटेड के साथ शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट किया है।
समझौते के अंतर्गत, श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट, श्रीराम फाइनेंस के लेंडिंग और क्रेडिट बिजनेस से जुड़े नॉन-कम्पीट और नॉन-सोलिसिटेशन दायित्वों के अधीन होगा। इनके बदले में, MUFG शेयरधारकों की मंजूरी के बाद, श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट को $200 मिलियन (लगभग 1,660 करोड़ रुपये) की एकमुश्त नॉन-रिकरिंग नॉन-कम्पीट और नॉन-सोलिसिटेशन फीस का भुगतान करेगा।
फिलहाल श्रीराम ग्रुप, श्रीराम कैपिटल और श्रीराम वैल्यू सर्विसेज के जरिए श्रीराम फाइनेंस में 24.98 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। वहीं, सानलाम लाइफ इंश्योरेंस के पास 0.41 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस तरह कुल प्रमोटर हिस्सेदारी 25.39 प्रतिशत है।
श्रीराम फाइनेंस भारत की सबसे बड़ी रिटेल नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) में से एक है, जो कमर्शियल व्हीकल, पैसेंजर व्हीकल, टू-व्हीलर और पर्सनल लोन जैसे क्षेत्रों में क्रेडिट समाधान देती है। सितंबर 2025 तक कंपनी की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 2.8 लाख करोड़ रुपये रही।
इस साल जापानी फाइनैंशल समूहों ने भारत के फाइनैंशल सर्विसेज सेक्टर में बड़े निवेश किए हैं। इससे पहले सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन (SMBC) ने निजी क्षेत्र के यस बैंक में 24 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी $1.6 बिलियन से ज्यादा में खरीदी थी।
वहीं, जापान की मिजुहो फाइनेंशियल ग्रुप ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह अपनी सब्सिडियरी मिजुहो सिक्योरिटीज के जरिए एवेंडस कैपिटल में 60 प्रतिशत से अधिक की कंट्रोल्ड हिस्सेदारी खरीदेगी, जो नियामकीय मंजूरी के अधीन होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सौदे का मूल्य करीब 4,700 करोड़ रुपये है।
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भारत के फाइनैंशल सर्विसेज सेक्टर में इस वर्ष अन्य वैश्विक निवेश भी देखने को मिले हैं। इनमें NBD एमिरेट्स का RBL बैंक में 3 अरब डॉलर का निवेश, इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी का सम्मान कैपिटल में 1 अरब डॉलर का निवेश, वारबर्ग पिंकस और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी का IDFC फर्स्ट बैंक में 87.7 करोड़ डॉलर का निवेश, और ब्लैकस्टोन का फेडरल बैंक में 6,196 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।