देश में 350 सीसी क्षमता से अधिक के इंजन वाली प्रीमियम मोटरसाइकलों की बिक्री ने खासा दमखम दिखाया है और उन्होंने अक्टूबर-नवंबर 2025 में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में तेज बढ़ोतरी के बावजूद ऐसा हुआ है। यह बात इस खास श्रेणी में निश्चित मांग का संकेत देती है।
350 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली मोटरसाइकलों पर 22 सितंबर, 2025 से 40 प्रतिशत जीएसटी लगता है। यह पहले के 31 प्रतिशत जीएसटी की तुलना में बड़ी उछाल है। इस बढ़ोतरी से बड़े और ज्यादा महंगे मॉडलों की कीमतों में तुरंत बढ़ोतरी हुई है। लेकिन ऐसा लगता है कि इस श्रेणी ने इस झटके को काफी हद तक झेल लिया है।
बिक्री की संख्या अक्टूबर 2025 में सालाना आधार पर 7.2 प्रतिशत बढ़कर 19,555 वाहन हो गई। लेकिन फिर नवंबर में 1.4 प्रतिशत तक की कमी आई। कुल मिलाकर दो महीने की अवधि में बिक्री संख्या में 4 प्रतिशत की अच्छी बढ़ोतरी हुई और यह बढ़कर 29,951 पर पहुंच गई। अक्टूबर में यह उछाल मुख्य रूप से 350 से 500 सीसी वाली उप-श्रेणी के कारण थी, जिसमें बजाज डॉमिनर, रॉयल एनफील्ड गुरिल्ला 450, कावासाकी एलिमिनेटर और होंडा मैवरिक 440 जैसे लोकप्रिय मॉडल शामिल हैं।
नवंबर में आई कमी का मुख्य कारण 500 से 800 सीसी श्रेणी में गिरावट था, जिसमें पियाजियो अप्रिलिया आरएस 660, होंडा सीबीआर 650 एफ और कावासाकी निंजा 650 जैसे मॉडल शामिल हैं। ज्यादा क्षमता वाले श्रेणी (800 से 1,600 सीसी) में लगातार बढ़ोतरी हुई। हालांकि यह छोटे आधार पर थी।
प्राइमस पार्टनर्स के सलाहकार अनुराग सिंह ने कहा, ‘350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकलों की कुल मोटरसाइकल बिक्री में केवल 1 प्रतिशत हिस्सेदारी है।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि ज्यादा जीएसटी का असर नवंबर की बिक्री पर पड़ा है, लेकिन मांग में कोई बड़ी गिरावट नहीं आई है क्योंकि इस श्रेणी के खरीदार कीमतों को लेकर अपेक्षाकृत कम संवेदनशील होते हैं।’