एयर कंडीशनर (एसी) बनाने वाली कंपनियां गर्मी के अगली सीजन के लिए नए उत्पाद पेश करने की तैयारी कर रही हैं। वे कुछ महीने पहले घोषित माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती के फायदों पर ध्यान दे रही हैं। इससे यह पक्का होगा कि अधिक बिजली बचाने वाले एसी की कीमतें ग्राहकों की जेब पर भारी न पड़ें।
अगले साल 1 जनवरी से ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बईई) के स्टार लेबलिंग के नए नियम भी लागू होने वाले हैं। इससे एयर कंडीशनरों की कीमतें भी बढ़ेंगी। लेकिन जीएसटी दर में कटौती से इसका झटका कुछ कम लगेगा। सितंबर में सरकार ने एयर कंडीशनरों पर जीएसटी 28 से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया था।
हायर ने पिछले सप्ताह नई ग्रेविटी एआई की श्रृंखला के एसी पेश किए हैं। उसे उम्मीद है कि अच्छी बिक्री के दम पर आने वाले साल में 38 प्रतिशत की वृद्धि होगी। ब्लूस्टार ने आम बजट के बाद फरवरी में नए एसी पेश करने की योजना बनाई है। ब्लूस्टार के प्रबंध निदेशक बी त्यागराजन ने बताया, ‘5 स्टार की रेटिंग वाले मौजूदा उत्पाद नई रेटिंग में 3 स्टार के बराबर होंगे। नए नियमों के तहत 5 स्टार की रेटिंग वाला उत्पाद मौजूदा 7 स्टार की रेटिंग वाले उत्पाद के बराबर होगा।’
कंपनियों के लिए 5 स्टार की नई रेटिंग वाले एसी ज्यादा महंगे हो जाएंगे। तांबे का इस्तेमाल ज्यादा होने से ऐसा होगा, जिसकी कीमतें पिछले एक साल में काफी ज्यादा बढ़ चुकी हैं।
हायर अप्लायंसेज के अध्यक्ष एनएस सतीश ने हाल में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘एसी जितना अधिक बिजली बचत वाला होता है, उसमें उतना ही ज्यादा तांबा इस्तेमाल होता है। कीमतों में बढ़ोतरी को झेलना मुमकिन नहीं होगा और हमें इस बोझ को ग्राहक पर डालना पड़ेगा। इसमें डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये का असर भी जोड़ दें, तो यह ग्राहक की जेब पर लगभग 7 से 8 प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ होगा।’
उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार ने जीएसटी दर 28 से घटाकर 18 नहीं की होती, तो 5 स्टार रेटिंग वाले एसी बहुत महंगे हो जाते और आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए उनका खर्च उठाना तकरीबन नामुमकिन हो जाता। कर में कमी से लागत बढ़ने से रोकने में मदद मिली है।’ त्यागराजन ने कहा, ‘हम अगले साल निश्चित रूप से 15 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करेंगे, लेकिन इस साल हमने जिस नरमी का सामना किया, उसकी भरपाई के लिए हमारा लक्ष्य लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि करना है।’