जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने देसी बाजारों को अपग्रेड कर न्यूट्रल से ओवरवेट कर दिया है और यह कदम आम चुनाव से पहले भारतीय बाजारों के ऐतिहासिक तौर पर सकारात्मक रहने को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
भारतीय बाजारों को प्राथमिकता देने के मामले में यह निवेश बैंक अब अमेरिकी समकक्ष मॉर्गन स्टैनली की जमात में शामिल हो गया है, जो साल 2021 से ही उभरते बाजारों में अग्रणी प्रदर्शन करने वाला रहा है।
जेपी मॉर्गन के मुताबिक साइक्लिकल व ढांचागत कारक भारत को फायदा पहुंचा रहे हैं। ब्रोकरेज ने कहा, साइक्लिकल मोर्चे पर अल्पावधि के गिरावट का इस्तेमाल और खरीदारी में करना चाहिए और आम चुनाव से पहले ऐतिहासिक तौर पर सकारात्मक बाजार की ताकत पर भी ध्यान देना चाहिए।
ढांचागत आधार पर भारत सबसे मजबूत
जेपी मॉर्गन का कहना है कि ढांचागत आधार पर भारत सबसे मजबूत ईएम नॉमिनल जीडीपी कंपाउंडिंग की पेशकश कर रहा है और विकसित बाजारों की इक्विटी के मुकाबले इसका जोखिम समायोजित रिटर्न प्रतिस्पर्धी है। साथ ही बेहतर देसी बॉन्ड बाजार कम जोखिम वाले प्रीमियम को सहारा दे रहा है। पेड्रो जूनियर की अगुआई में ब्रोकरेज के विश्लेषकों ने 26 अक्टूबर के नोट में ये बातें कही है।
भारतीय बाजार अपने उच्चस्तर से करीब 6 फीसदी नीचे आया है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषण से पता चलता है कि भारतीय बाजारों ने आम चुनाव से पहले सकारात्मक रिटर्न सृजित किया है। ब्रोकरकेज का अनुमान है कि ऐसी ही चीजें 2024 की पहली छमाही में रह सकती हैं।
इसे सरकार के उच्च खर्च से सहारा मिलेगा और यह उपभोग में मजबूती लाएगा। ऐतिहासिक तौर पर सरकार ने चुनाव से पहले खर्च में इजाफा किया है। जेपी मॉर्गन के मुताबिक, बेंचमार्क निफ्टी ने साल 1991 से राष्ट्रीय चुनाव से पहले की छह महीने की अवधि में 13 फीसदी रिटर्न दिया है।
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों ने लिखा है, चूंकि 2024 के चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ऐसे में सरकार ग्रामीण भारत/शहरी गरीब को सहारा देने के लिए नई पहल पर विचार कर सकती है और आम लोगों सेंटिमेंट की मजबूती को ध्यान में रखकर अतिरिक्त खर्च कर सकती है।
वित्तीय क्षेत्र, वाहन, फार्मा, कंज्यूमर स्टेपल, रियल एस्टेट पर ब्रोकरेज ओवरवेट है। दूसरी ओर, वह मेटीरियल्स व ऊर्जा फर्मों (आरआईएल को छोड़कर) और हॉस्पिटल्स पर अंडरवेट है। जेपी मॉर्गन ने सन फार्मा, बैंक ऑफ बड़ौदा और हिंदुस्तान यूनिलीवर को अपने ईएम पोर्टफोलियो में शामिल किया है।
भारत का भारांक 75 आधार अंक से बढ़ाकर 100 आधार अंक
पिछले हफ्ते मॉर्गन स्टैनली ने एशिया प्रशांत (जापान को छोड़कर) पोर्टफोलियो में भारत का भारांक 75 आधार अंक से बढ़ाकर 100 आधार अंक कर दिया है।
मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने पिछले हफ्ते एक नोट में कहा, हमने भारतीय इक्विटी पर अपना ओवरवेट रुख बढ़ाया है, जो हमारा सबसे तरजीही उभरता बाजार है। सापेक्षिक आर्थिक/ आय की रफ्तार में सुधार हो रहा है और आर्थिक स्थिरता वास्तविक दर के माहौल में टिके रहने के लिहाज से पर्याप्त दिख रही है। देसी निवेश जारी है और वहुध्रुवीय दुनिया के आयाम एफडीआई और पोर्टफोलियो निवेश भारत की ओर ले जा रहा है।
मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि भारत का विश्व पर कम निर्भरता उसे लाभ की स्थिति में खड़ा करता है। इक्विटी रणनीतिकार डेनियल ब्लेक और जोनाथन गार्नर ने एक नोट में कहा, भारत ढांचागत तौर पर साल 2021 की शुरुआत से अक्टूबर 2022 तक एमएससीआई ईएम के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन करता रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि उम्दा प्रदर्शन जारी रहेगा।
इस महीने सीएलएसए ने कहा था कि वह एमएससीआई एशिया प्रशांत (जापान को छोड़कर) पोर्टफोलियो में देसी बाजारों पर 303 आधार अंक ओवरवेट है, जिसकी वजह सहायक आर्थिक परिदृश्य है।
सितंबर के आखिर के दौरान नोमूरा ने ने भारतीय बाजारों पर अपना रुख न्यूट्रल से ओवरवेट कर दिया था और बेंचमार्क एमएससीआई एशिया (जापान को छोड़कर) इंडेक्स में भारत के भारांक में 100 आधार अंक इजाफे की सिफारिश की थी।
इस बीच, जेपी मॉर्गन ने सऊदी को भी अपग्रेड कर न्यूट्रल से ओवरवेट कर दिया है क्योंकि मौजूदा भू्राजनीतिक अनिश्चितता के बीच उसके तेल की ट्रेडिंग प्रीमियम पर हो रही है।
ब्रोकरेज ने दक्षिण कोरिया को डाउनग्रेड कर ओवरेवट से न्यूट्रल कर दिया है क्योंकि यह देश उच्च अमेरिकी दरों, घटती मांग और वैसी मौद्रिक नीति का सामना कर रहा है, जो कम सहायक है।
हालांकि सभी ब्रोकरेज भारत पर सकारात्मक नहीं हैं। इस महीने गोल्डमैन सैक्स ने कहा था कि साल 2024 के आम चुनाव से पहले वैश्विक अवरोध और महंगे मूल्यांकन पर सतर्क रुख अपनाने की दरकार है।