इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माताओं पर सरकार की दंडात्मक कार्रवाई से अप्रैल में ई-दोपहिया के पंजीकरण में खासी गिरावट आई है। वाहन पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में 62,581 ई-दोपहिया का पंजीकरण किया गया, जो मार्च में पंजीकृत कराए गए 82,292 वाहनों से करीब एक-चौथाई कम है।
अप्रैल में ओकिनावा, हीरो इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी और टीवीएस सहित सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों की बिक्री इस कैलेंडर वर्ष के चार महीनों में सबसे कम रही है। ओला इलेक्ट्रिक अकेली कंपनी है, जिसकी बिक्री बढ़ी है। ओला इलेक्ट्रिक ने मार्च के आंकड़े को पीछे छोड़ते हुए 21,560 दोपहिया बेचे, जो इस साल पंजीकरण का सबसे अधिक आंकड़ा है।
इसके परिणामस्वरूप ई-दोपहिया बाजार में कंपनियों की हिस्सेदारी का क्रम काफी बदल गया है। बजाज ऑटो और चेतक टेक्नोलॉजीज इस महीने एक साथ शीर्ष पांच कंपनियों शुमार हो गईं। अपेक्षाकृत नई कंपनी एंपियर एथर को पीछे छोड़ते हुए तीसरे स्थान पर काबिज हो गई।
अधिकतर इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों की बिक्री में गिरावट मुख्य रूप से व्हिसलब्लोअर की शिकायत पर भारी उद्योग विभाग द्वारा हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर की गई दंडात्मक कार्रवाई की वजह से आई है। ई-स्कूटरों में कम से कम 50 फीसदी स्थानीय पुर्जे इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
इस नियम का उल्लंघन करने के मामले में इन दोनों कंपनियों की जांच की जा रही है। इस नियम का पालन नहीं करने पर ये कंपनियां सब्सिडी नहीं मांग सकतीं। इनका वाहन पंजीकरण मार्च के मुकाबले अप्रैल में 43 फीसदी घट गया और कुल ई-दोपहिया में इनकी हिस्सेदारी घटकर महज 10 फीसदी रह गई।
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उद्योग के अनुमान के अनुसार इस मसले की वजह से करीब 1,200 करोड़ रुपये की सब्सिडी फंसी हुई है और इसमें ज्यादातर इन्हीं दो कंपनियों की है। अगर भारी उद्योग विभाग की कार्रवाई को चुनौती नहीं दी जाती है तो इन कंपनियों के मुनाफे और कार्यशील पूंजी पर बड़ा असर पड़ेगा क्योंकि सब्सिडी मिलने की उम्मीद में कंपनियां सब्सिडी के बराबर छूट पहले ही ग्राहकों को दे चुकी हैं।
विभाग ने केवल इन दोनों कंपनियों पर कार्रवाई नहीं की है। इसने एथर, ओला, टीवीएस और हीरो मोटोकॉर्प की भी सब्सिडी रोक दी है। इन कंपनियों ने चार्जर को एक्सेसरीज में शामिल कर उसकी कीमत ग्राहकों से वसूल ली। यह सब्सिडी का उल्लंघन है। चार्जर को वाहन की एक्स-फैक्टरी कीमत में ही शामिल किया जाना चाहिए। फेम-2 सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया की एक्स-फैक्टरी कीमत की सीमा 1.5 लाख रुपये तय की गई है।