अगले महीने नई दिल्ली में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित होगा। इसमें दुनिया के देश इस अत्याधुनिक तकनीक के सुरक्षित इस्तेमाल पर एक ढांचा तैयार करने की दिशा में प्रयास करेंगे।
नई दिल्ली में 12 से 14 दिसंबर तक आयोजित इस सम्मेलन में भारत ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) की मेजबानी करेगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना-प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि इस सम्मेलन में एआई के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा होगी।
चंद्रशेखर ने कहा कि इनमें एआई का पूरी जवाबदेही के साथ इस्तेमाल, डेटा संचालन, भविष्य में कार्य करने के तौर-तरीके और नवाचार एवं व्यवसायीकरण जैसे विषयों पर चर्चा होगी। चंद्रशेखर ने हाल में ब्रिटेन में आयोजित एआई सुरक्षा सम्मेलन, 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
मंत्री ने कहा कि उस सम्मेलन में एआई से जुड़े नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए दुनिया के देशों के बीच सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि एआई से कार्य स्थलों पर आने वाले बदलाव, निजता पर असर, गैर-आपराधिक नुकसान और बेजा कारणों के लिए इस तकनीक के इस्तेमाल की आशंका जैसे विषयों पर बात हुई।
सम्मेलन के दौरान उन्होंने एक मंत्री-स्तरीय गोल मेज सम्मेलन में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने फ्रंटियर एआई से जुड़े जोखिमों को समझने और भविष्य में आपसी सहयोग करने के विषयों पर चर्चा की।
चंद्रशेखर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘अप्रैल-मई 2024 तक दक्षिण कोरिया में एआई सुरक्षा पर एक और सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें लगभग 6-8 महीने का समय बचा है और इस दौरान हमें एआई सुरक्षा के विषय पर एक वैश्विक ढांचा तैयार होने की उम्मीद है जिस पर अगले महीने भारत में आयोजित होने वाले सम्मेलन में चर्चा होगी।’
उन्होंने कहा कि तेजी से उभरती तकनीकों के नियमन को लेकर भारत के दृष्टिकोण पर भी जीपीएआई और भारत एआई सम्मेलन में चर्चा होगी। जीपीएआई 28 देशों और यूरोपीय संघ का समूह है। भारत ने 2020 में संस्थापक सदस्य के रूप में इस समूह में शामिल हुआ था। इस सम्मेलन में 29 देशों के उद्योग जगत के प्रतिनिधि, नीति निर्धारक, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ एवं अन्य संबंधित पक्ष शामिल होंगे।
चंद्रशेखर ने कहा, ‘ब्रिटेन में आयोजित एआई सुरक्षा सम्मेलन में दो मुख्य मानकों पर चर्चा हुई थी। यह नागरिक समाज, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों सहित देशों का एक समूह है जहां एआई के भविष्य पर बात होती है और इसके साथ ही एआई को लेकर सुरक्षा एवं भरोसे से जुड़े पहलुओं पर भी बात होती है।’
ब्रिटेन में सम्मेलन के दौरान चंद्रशेखर ने उन लोगों एवं इकाइयों के खिलाफ आपसी सूझ-बूझ के साथ कदम उठाने का आह्वान किया जो असुरक्षित एवं अविश्वसनीय मॉडल तैयार कर सकते हैं और लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।