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E20 मानकों का पालन न करने वाले वाहनों को हटाने या उनमें सुधार करने की कोई योजना नहीं: गडकरी

भारत में अप्रैल 2025 से E20 फ्यूल अनिवार्य होने के बाद, गाड़ी मालिकों ने लगातार माइलेज, इंजन की परफॉर्मेंस और गाड़ी चलाने में होने वाली दिक्कतों की शिकायतें करनी शुरू कर दी है

Last Updated- December 15, 2025 | 4:57 PM IST
Nitin Gadkari
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी | फाइल फोटो

देश भर में अप्रैल 2025 से E20 फ्यूल अनिवार्य हो जाने के बाद पेट्रोल गाड़ियों का इस्तेमाल करने वाले लोग तरह-तरह की दिक्कतें बता रहे हैं। लोगों का दावा है कि इससे माइलेज कम हो रहा है, इंजन की परफॉर्मेंस प्रभावित हो रही है। साथ ही गाड़ी चलाने में भी परेशानी आ रही है। कई लोग तो मेंटेनेंस का खर्चा बढ़ने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन इसी बीच सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में साफ कहा कि बिना E20 अनुकूल गाड़ियों को बाहर करने या उन्हें बदलने की कोई योजना नहीं है।

11 दिसंबर को तृणमूल कांग्रेस के सांसद जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया के सवाल के जवाब में गडकरी ने बताया कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) की स्टडी के आधार पर ऐसा कोई कदम उठाने की जरूरत नहीं है।

सड़क परिवहन मंत्री ने कहा, “सामान्य घिसावट को रूटीन सर्विसिंग में ही हैंडल किया जा सकता है।”

इसके साथ ही गडकरी ने यह भी जोड़ा कि E20 वाली गाड़ियों के ज्यादातर मामलों में कोई समस्या नहीं आई है, जैसे गाड़ी चलाने में आसानी, स्टार्ट होने में दिक्कत, मेटल या प्लास्टिक पार्ट्स की कंपेटिबिलिटी वगैरह आदि।

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पुरानी गाड़ियों पर असर कितना?

लोकलसर्कल्स के एक हालिया सर्वे में सामने आया कि 2022 या उससे पहले खरीदी गई पेट्रोल गाड़ियों के मालिकों में से 10 में से 8 ने 2025 में माइलेज कम होने की शिकायत की है। अगस्त में यह आंकड़ा 67 फीसदी था, जो अक्टूबर तक बढ़कर 80 फीसदी हो गया।

सर्वे के मुताबिक, इनमें से 52 फीसदी लोगों को इंजन, फ्यूल लाइन, टैंक या कार्बोरेटर जैसे हिस्सों में असामान्य घिसावट या रिपेयर की जरूरत पड़ी। यह संख्या अगस्त के 28 फीसदी से दोगुनी हो गई। कई मालिकों का कहना है कि E20 के चलते उनका मेंटेनेंस का खर्चा बढ़ गया है।

जब TMC सांसद ने पूछा कि देश में कितनी गाड़ियां E20 स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं हैं, तो इसपर गडकरी ने कोई सटीक नंबर नहीं बताया। उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि 1 अप्रैल 2023 से पहले बिकी गाड़ियां E10 वाली हैं, जबकि उसके बाद वाली E20 के लिए तैयार की गई हैं।

न्यूज वेबसाइट Scroll.in में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 15 सालों में बिकी नई पेट्रोल गाड़ियों में सिर्फ करीब 20 फीसदी ही E20 ब्लेंड के लिए पूरी तरह कंप्लायंट थीं। यानी ज्यादातर पुरानी गाड़ियां इस नए फ्यूल के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं, लेकिन सरकार का मानना है कि कोई बड़ी दिक्कत नहीं आएगी।

First Published - December 15, 2025 | 4:57 PM IST

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