दुर्लभ खनिज मैग्नेट से जुड़े संकट के चलते कई कंपनियों का उत्पादन प्रभावित होने और बाजार की अग्रणी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री में भारी गिरावट के बावजूद भारत के इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के पंजीकरण में 2025-26 (वित्त वर्ष 26) के पहले छह महीनों में पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है।
वाहन के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितंबर में दोपहिया वाहनों का पंजीकरण 5,82,027 तक पहुंच गया जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह संख्या 4,92,586 रही थी। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि जहां एक ओर कभी बाजार में अग्रणी रही ओला इलेक्ट्रिक के पंजीकरण में इस दौरान भारी गिरावट आई, वहीं दूसरी प्रमुख कंपनियों मसलन टीवीएस, हीरो मोटोकॉर्प और एथर एनर्जी ने इस अंतर की भरपाई
कर दी।
ओला इलेक्ट्रिक के मामले में पंजीकरण में आधे से भी ज्यादा की गिरावट आई है और यह वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-सितंबर में हुए 2,39,450 वाहनों के पंजीकरण से वित्त वर्ष 2026 की इसी अवधि में 1,07,776 रह गया। इस दौड़ में शामिल होने वाली एक बड़ी नई कंपनी हीरो मोटोकॉर्प है। अप्रैल-सितंबर में विडा के पंजीकरण में 248 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 71,969 वाहनों तक पहुंच गया, क्योंकि उसने छूट के जरिये बिक्री को बढ़ावा दिया।
दूसरों ने भी तेजी से कदम बढ़ाए हैं। उदाहरण के लिए जहां एथर के पंजीकरण में 81 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई, वहीं टीवीएस का पंजीकरण वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 53 फीसदी बढ़ा। इस साल सितंबर में टीवीएस ने 21.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बाजार पर अपनी पकड़ मजबूत की और अब वह शीर्ष स्थान पर है और उसने पिछले साल के इसी महीने में शीर्ष पर रही ओला को नीचे धकेल दिया।
ओला की बाजार हिस्सेदारी पिछले साल सितंबर में 27 फीसदी थी जो अब घटकर सिर्फ 12.7 फीसदी रह गई है और वह चौथे स्थान पर खिसक गई है। हीरो मोटोकॉर्प की विडा के साथ 12.3 फीसदी हिस्सेदारी है और वह उसके क़रीब है। हालांकि, बजाज 18.7 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर बनी हुई है। एथर की हिस्सेदारी 17.2 फीसदी है जबकि पिछले साल सितंबर में यह 14.3 फीसदी थी।