मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने यह फैसला बजट सत्र से ठीक पहले लिया। आज दिल्ली में सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ दो घंटे से ज्यादा लंबी बैठक की, जिसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल ने उनसे तब तक पद पर बने रहने को कहा है जब तक नई सरकार पदभार ग्रहण नहीं कर लेती। मई 2023 से मैतई और कुकी समुदायों के बीच चल रही जातीय हिंसा के बीच सिंह के इस्तीफे की लगातार मांग हो रही थी।
सिंह ने जुलाई 2023 में भी अपना इस्तीफा सौंपा था, लेकिन अपने समर्थकों के विरोध के बाद उन्होंने उसे वापस ले लिया था।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की राजनीतिक यात्रा में एक फुटबॉलर, पत्रकार, और फिर एक सफल राजनेता बनने का सफर शामिल है। बीरेन सिंह का जन्म 1 जनवरी 1961 को इंफाल, मणिपुर में हुआ था। शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक फुटबॉलर के रूप में की और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में शामिल हुए, जहां उन्होंने 1981 में डूरंड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे। बाद में, उन्होंने BSF से इस्तीफा देकर पत्रकारिता में कदम रखा और 1992 में ‘नाहरोलगी थौडांग’ (Naharolgi Thoudang) नामक मैतेई भाषा के दैनिक समाचार पत्र की शुरुआत की, जिसमें वे 2001 तक संपादक रहे।
2002 में, बीरेन सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया और डेमोक्रेटिक रिवॉल्यूशनरी पीपुल्स पार्टी (DRPP) के टिकट पर हेंगांग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता। बाद में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) में शामिल होकर 2007 और 2012 के विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल की। इस दौरान, उन्होंने राज्य सरकार में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण और युवा मामलों एवं खेल मंत्री के रूप में कार्य किया।
2016 में, बीरेन सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थामा। 2017 के विधानसभा चुनावों में, उन्होंने हेंगांग सीट से जीत दर्ज की और मणिपुर के पहले BJP मुख्यमंत्री बने। उनके नेतृत्व में, राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनमें मणिपुर पब्लिक स्कूल के नए शैक्षणिक भवन की आधारशिला रखना और पहले राज्य-स्तरीय अदरक महोत्सव का आयोजन शामिल है।
हालांकि, मई 2023 से मणिपुर में मैतई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई, जिसके कारण राज्य में अस्थिरता बढ़ी। इस दौरान, बीरेन सिंह ने हिंसा के लिए जनता से माफी मांगी और शांति बहाल करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “मैं राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं।”
लेकिन 9 फरवरी 2025 को बजट सत्र से ठीक पहले, बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को सौंपा।