आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती देश की तकनीकी उड़ान के सपनों को साकार करने के लिए तैयार है। यहां तैयार हो रही क्वांटम वैली न केवल भारत के पहले क्वांटम कंप्यूटर का निर्माण करेगी, बल्कि दो वर्षों के भीतर उनका निर्यात भी शुरू कर देगी। राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। क्वांटम कंप्यूटिंग अगली पीढ़ी की कंप्यूटिंग टेक्नॉलजी है जिससे गति, क्षमता, सुरक्षा और अन्य क्षेत्रों में नई क्रांति आएगी।
राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को विशाखापत्तनम में ई-गवर्नेंस पर 28वीं नैशनल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की महत्त्वाकांक्षी क्वांटम वैली परियोजना अगले साल जनवरी तक शुरू होने की संभावना है। इसे आईबीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और लार्सन ऐंड टुब्रो द्वारा विकसित किया जा रहा है।
अमरावती क्वांटम वैली में 2029 तक एक अरब डॉलर तक का निवेश होने की उम्मीद है। यह वैली बोस्टन, म्यूनिख और दुनिया भर के आठ अन्य चयनित शहरों में मौजूद इसी तरह के हब की तर्ज पर बनाई जा रही है, जो यहां नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तैयार की जा रही है। परियोजना के बारे में नायडू ने विस्तार से बताते हुए कहा, ‘अब हम क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए एक व्यवस्थित तंत्र स्थापित करना चाहते हैं।
आईबीएम और टीसीएस जैसी कंपनियां पहले से ही यहां कार्यरत हैं। उम्मीद है अगले दो वर्षों के भीतर भारत क्वांटम कंप्यूटर का उत्पादन शुरू कर देगा। हम निकट भविष्य में घरेलू मांग को पूरा करने के साथ-साथ निर्यात भी कर सकेंगे।’
आंध्र प्रदेश की पूरी कार्ययोजना के अनुसार, केंद्र सरकार के क्वांटम मिशन के अनुरूप राज्य को 2030 तक वैली से हर साल लगभग 5,000 करोड़ रुपये के क्वांटम हार्डवेयर निर्यात की संभावना है। इसके अतिरिक्त यह प्रति वर्ष कम से कम 5,000 लोगों के लिए प्रशिक्षण केंद्र का भी काम करेगा। इस वैली से भारत में स्वास्थ्य सेवा, बीमा, फाइनैंस, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में काम करने का तरीका ही बदल जाएगा।
नायडू ने यह भी कहा कि एआई और एमएल, ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग, ई-फाइल और ई-कैबिनेट के कार्यान्वयन से भविष्य के निर्णय लेने में सरकारों को काफी मदद मिलेगी। इसके मद्देनजर देश के लिए अगले 10 साल बेहद महत्त्वपूर्ण साबित होंगे।
हैदराबाद को साइबराबाद में बदलने वाले नायडू ने कहा, ‘हम एक प्रेरणादायक समय से गुजर रहे हैं। हमारे पास पहले से ही ऐतिहासिक डेटा मौजूद है। सैटेलाइट, ड्रोन, क्लोज्ड-सर्किट टेलीविजन आदि का उपयोग कर वास्तविक आंकड़े जुटाने के साथ-साथ एआई 90 प्रतिशत सटीकता के साथ निर्णय लेने में सरकारों की मदद करेगा।’
यह वैली राजधानी शहर में 50 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी, जिसमें लगभग 90,000 पेशेवर काम कर सकते हैं। राज्य ने इसके लिए अमरावती क्वांटम कंप्यूटिंग कंपनी नाम से एक नई इकाई भी बनाई है।
जानकारी के अनुसार क्वांटम कंप्यूटर, क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन फाइबर लिंक को एकीकृत करने और विभिन्न क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं में सहयोग के उद्देश्य से तैनात सेंसर प्लेटफॉर्म स्थापित करने के लिए जल्द ही भारत का सबसे बड़ा ओपन क्वांटम टेस्टबेड, क्यूचिपइन स्थापित किया जाएगा।
इस टेक पार्क में आईबीएम क्वांटम सिस्टम टू इंस्टॉलेशन प्रमुख होगा, जिसमें 156-क्यूबिट हेरॉन अगली पीढ़ी का ट्यून करने योग्य-कपलर क्वांटम प्रोसेसर होगा। यह देश का सबसे बड़ा क्वांटम कंप्यूटर है। टीसीएस भारतीय उद्योग और शिक्षा जगत की मदद करने वाले एल्गोरिदम और ऐप्लिकेशन के विकास का समर्थन करने के लिए आईबीएम के साथ साझेदारी कर रहा है। इससे 2028 तक प्रति वर्ष 1,000 से अधिक क्वांटम एल्गोरिदम का परीक्षण करने और 2029 तक कुल क्वांटम क्षमता के 1,000 प्रभावी क्यूबिट प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।