facebookmetapixel
Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी की कीमतों में उछाल! सोने का भाव 125000 रुपये के पार; जानें आज के ताजा रेटPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने के लिए खुला, अप्लाई करें या नहीं; जानें ब्रोकरेज का नजरियाBihar Elections 2025: दिल्ली ब्लास्ट के बाद हाई अलर्ट में बिहार चुनाव का आखिरी फेज, 122 सीटों पर मतदाता करेंगे फैसलाडिमर्जर के बाद Tata Motors में कौन चमकेगा ज्यादा? जेपी मॉर्गन और SBI की बड़ी राय सामने आई₹5.40 प्रति शेयर तक डिविडेंड पाने का मौका! 12 नवंबर को एक्स-डेट पर ट्रेड करेंगे ये 5 स्टॉक्सDharmendra Health Update: ‘पापा ठीक हैं!’ धर्मेंद्र की सेहत को लेकर वायरल अफवाहों पर Esha Deol ने शेयर किया इंस्टा पोस्टभारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी सकती है फाइनल, ट्रंप ने दिए संकेत; कहा – पीएम मोदी से शानदार रिश्तेटाटा मोटर्स CV के शेयर 12 नवंबर को होंगे लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूStock Market Update: सपाट शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक गिरा; निफ्टी 25550 के नीचेDelhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्ज

कैग के कठघरे में बिहार का राजस्व विभाग

Last Updated- December 10, 2022 | 5:27 PM IST

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा वित्तीय नियमों का उल्लंघन किया गया है।


जिसके तहत 2.10 करोड़ रुपये संदेहास्पद दुर्विनियोजन और 13.17 करोड़ रुपये को अस्थाई अग्रिम खाते तथा 53.41 करोड़ रुपये को सरकार के रोकड़ शेष से बाहर रखा गया।


बीते 31 मार्च 2007 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार कोषागार संहिता के नियम 300 के अन्तर्गत कोषागार से राशि का आहरण केवल तुरंत वितरण के लिए किया जाना चाहिए और यदि कोई बची हुई राशि हो तो वित्त वर्ष के खत्म होने से पहले पूर्व इसे कोषागार में जमा कर देना चाहिए।


रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी प्रकार बिहार वित्तीय नियम 115 के साथ पठित नियम 305 के प्रावधानों के तहत निकासी एवं वितरण पदाधिकारी यह देखने के लिए उत्तरदाई है कि व्यय उपलब्ध विनियोजन के अन्तर्गत है कि नहीं।


इसके अतिरिक्त नियम 86 के तहत निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को रोकड़ बही में की गई प्रविष्टियों की जांच और उसे अभिप्रमाणित भी करना चाहिए तथा महीने में कम से कम एक बार रोकड़ शेषों का भौतिक सत्यापन और अस आशय का एक प्रमाण रोकड़ बही में दर्ज करना चाहिए।


कैग ने अपने जांच नमूनों में पाया कि वर्ष 2005-06 के दौरान चार जिला नजारतों भागलपुर, जहानाबाद, मधुबनी और जमुई के रोकड़ बही से पता चलता है कि इन जिलों में उपर्युक्त वित्तीय नियम का उल्लंघन किया गया और 31 मार्च 2006 को 26.19 करोड़ रुपये का अंत शेष था।


इस अंत शेष में अस्थाई अग्रिम 2.41 करोड़ रुपये नकद, 1.27 लाख रुपये बैंक में रोकड़ 18.28 करोड रुपये, अस्वीकृत बाउचर 5.32 करोड रुपये, प्रतिवेदित दुर्विनियोजन 17 लाख रुपये था। इसके अतिरिक्त अगर 2001 और जुलाई 2005 के दौरान भागलपुर और जहानाबाद में क्रमश: 1.59 करोड़ रुपये और 1.23 करोड़ रुपये अस्वीकृत वाउचर रोकड़पाल द्वारा अपने उत्तराधिकारी को नहीं सौंपा गया।


लेखा परीक्षा द्वारा जब जहानाबाद और भागलपुर नजारतों को अस्वीकृत वाउचरों और असमायोजित अग्रिमों की विवरणी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया तो जहानाबाद के नजारत के उपसमाहर्ता ने सूचित किया कि लेखा परीक्षा इंगित 1. 23 करोड़ रुपये की जगह 1.13 करोड़ रुपये का ही अस्वीकृत वाउचर उपलब्ध है। जहानाबाद नजारत के उपसमाहर्ता ने 41.12 लाख रुपये के असमायोजित अग्रिम को भी सूचित किया जिसमें अग्रिमों के धारकों के नाम कई मामलों में अपठनीय है।


दूसरी ओर भागलपुर नजारत के उपसमाहर्ता ने सितम्बर 2007 में लेखा परीक्षा को सूचित किया कि अस्वीकृत वाउचरों और अग्रिमों की सूची निर्माणाधीन है। इसी प्रकार 31 मार्च 2006 को सात अन्य जिलों में 55.84 करोड़ रुपये का अंतशेष पाया गया जिसमें बैंक में रोकड 35.13 करोड़ रुपये, अस्वीकृत वाउचर 9.75 करोड़ रुपये, अस्थाई अग्रिम 10.76 करोड़ रुपये और नकद 20 लाख रुपये शामिल हैं।


इसी प्रकार 210 करोड़ रुपये संदेहास्पद दुर्विनियोजन के मामले प्रकाश में आए। चूंकि यह राशि बहुत ज्यादा थी इसलिए यह उचित होता कि इसकी एक विस्तृत जांच की जाती और जबावदेही तय की जाती।


कैग ने कहा है कि उपयुक्त घटना दर्शाती है कि अस्वीकृत वाउचरों अस्थाई अग्रिम और सरकार के बाहर रखे गए रोकड़ शेष की निधि दुर्विनियोजन की ओर अग्रेसित हुई। इसलिए सरकार को अवश्य सुनिश्चित करना चाहिए कि अस्वीकृत वाउचर न्यूनतम हो अस्थाई अग्रिम समायोजित या वसूल कर लिए गए हो और अव्ययित निधि को कोषागार में जमा कर दिया जाए।

First Published - April 8, 2008 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट