World Health Day 2025: हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें अपनी सेहत के प्रति जागरूक होने की याद दिलाता है। सेहत अच्छी हो तो जिंदगी आसान और खुशहाल रहती है, लेकिन अगर बीमारी आ जाए तो इलाज का खर्च कई बार जेब पर भारी पड़ सकता है। यही वजह है कि हेल्थ इंश्योरेंस आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। लेकिन सवाल यह है कि अपने लिए सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुनें? हर इंसान की उम्र और जिंदगी का पड़ाव अलग होता है, और उसी के हिसाब से उसकी जरूरतें भी बदलती हैं। इस लेख में हम आसान हिंदी में समझाएंगे कि आप अपनी जिंदगी के अलग-अलग पड़ावों में सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कैसे चुन सकते हैं।
जब आप 20 से 30 साल के बीच होते हैं, तो यह जिंदगी का ऐसा समय होता है जब आप करियर शुरू करते हैं, शादी की प्लानिंग करते हैं या फिर अपने सपनों को पूरा करने में लगे होते हैं। इस उम्र में ज्यादातर लोग स्वस्थ रहते हैं और बीमारियों का खतरा कम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आपको हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत नहीं है। इस उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस लेना स्मार्ट फैसला है क्योंकि प्रीमियम कम होता है और भविष्य के लिए सुरक्षा मिलती है।
किन बातों का रखें ध्यान?
इस उम्र में आपको एक बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए। ऐसा प्लान जिसमें हॉस्पिटल में भर्ती होने का खर्च, छोटी-मोटी सर्जरी और इमरजेंसी की स्थिति में कवर मिले। इसके लिए 5 से 10 लाख रुपये का कवर काफी होता है। साथ ही कई कंपनियां इस उम्र में डिस्काउंट भी देती हैं या फिर नो-क्लेम बोनस का ऑप्शन देती हैं। इसका मतलब है कि अगर आप साल भर में क्लेम नहीं करते, तो अगले साल कवर बढ़ जाता है। अगर आपको सिगरेट या शराब पीने की आदत नहीं है, तो इसे अपनी पॉलिसी में बताएं। इससे भी प्रीमियम और कम हो सकता है।
30 से 45 साल की उम्र में ज्यादातर लोग शादी कर लेते हैं और बच्चे पैदा करते हैं। इस समय आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। अब आपको सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि अपने परिवार की सेहत की भी चिंता करनी होती है। इस पड़ाव पर हेल्थ इंश्योरेंस ऐसा होना चाहिए जो पूरे परिवार को कवर करे।
किन बातों का रखें ध्यान?
फैमिली फ्लोटर प्लान इस उम्र के लिए सबसे अच्छा होता है। इसमें एक ही पॉलिसी से आप, आपके जीवनसाथी और बच्चों को कवर मिलता है। कम से कम 10 से 15 लाख रुपये का कवर लें, क्योंकि परिवार बड़ा होने पर खर्च भी बढ़ता है। मैटरनिटी कवर जरूर देखें, खासकर अगर आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं। इसमें डिलीवरी, वैक्सीनेशन और नवजात शिशु की देखभाल का खर्च शामिल हो सकता है। साथ ही, बच्चों की छोटी-मोटी बीमारियों के लिए ओपीडी कवर भी फायदेमंद होता है।
अगर आपके माता-पिता आपके साथ रहते हैं, तो उनके लिए अलग से पॉलिसी लें, क्योंकि उनकी उम्र के हिसाब से प्रीमियम ज्यादा हो सकता है। इस समय आपको ऐसा प्लान चाहिए जो परिवार की हर जरूरत को पूरा करे और बजट में भी फिट बैठे।
45 से 60 साल की उम्र में जिंदगी स्थिर हो जाती है, लेकिन सेहत को लेकर जोखिम बढ़ने लगते हैं। इस उम्र में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियां आम हो सकती हैं। इसलिए इस पड़ाव पर हेल्थ इंश्योरेंस को अपग्रेड करना जरूरी है।
किन बातों का रखें ध्यान?
ऐसा प्लान चुनें जिसमें क्रिटिकल इलनेस कवर हो। यह कवर कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों के लिए एकमुश्त राशि देता है। साथ ही, पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करने वाली पॉलिसी लें। कम से कम 20 से 50 लाख रुपये का कवर लें, क्योंकि इस उम्र में इलाज का खर्च बहुत ज्यादा हो सकता है।
नियमित हेल्थ चेकअप और डे-केयर प्रोसीजर जैसे फीचर्स देखें। डे-केयर में उन इलाजों को कवर किया जाता है जो 24 घंटे से कम समय में हो जाते हैं, जैसे मोतियाबिंद का ऑपरेशन। इसमें प्रीमियम बढ़ सकता है, लेकिन को-पेमेंट ऑप्शन चुनकर इसे कम किया जा सकता है। को-पेमेंट का मतलब है कि क्लेम का कुछ हिस्सा आपको देना होगा। इस उम्र में सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए, इसलिए पॉलिसी में कोई कंजूसी न करें।
60 साल के बाद जिंदगी का एक नया दौर शुरू होता है। इस उम्र में कमाई बंद हो सकती है, लेकिन उम्र के साथ-साथ सेहत का खर्च भी बढ़ जाता है। रिटायरमेंट के बाद सीनियर सिटीजन हेल्थ इंश्योरेंस सबसे जरूरी हो जाता है।
किन बातों का रखें ध्यान?
ऐसा प्लान लें जो पहले से मौजूद बीमारियों, हॉस्पिटल में भर्ती, और लंबी बीमारियों जैसे अर्थराइटिस या कैंसर को कवर करे। इसके लिए कम से कम 10 लाख रुपये का कवर जरूरी है, लेकिन अगर आपकी बचत अच्छी है तो 50 लाख तक भी ले सकते हैं, क्योंकि इस उम्र में गंभीर बीमारियों का खतरा ज्याद रहता है।
इसके लिए आप होम हेल्थकेयर और नर्सिंग सुविधा का ऑप्शन देखें। कई बार इस उम्र में हॉस्पिटल जाने की बजाय घर पर इलाज आसान होता है। साथ ही, आजीवन रिन्यूअल वाला प्लान चुनें ताकि पॉलिसी कभी बंद न हो। हालांकि, प्रीमियम ज्यादा हो सकता है, इसलिए पहले से प्लानिंग करें। अगर आपने पहले हेल्थ इंश्योरेंस लिया था, तो उसे अपग्रेड करें ताकि वेटिंग पीरियड कम हो।
हेल्थ इंश्योरेंस कोई लग्जरी नहीं, बल्कि अभी लोगों की जरूरत बन गया है। हर उम्र में आपकी सेहत की प्राथमिकताएं बदलती हैं, और उसी के हिसाब से पॉलिसी चुनना समझदारी है। युवावस्था में कम प्रीमियम से शुरुआत करें, परिवार बढ़ने पर फैमिली प्लान लें, मिडिल एज में गंभीर बीमारियों के लिए तैयारी करें, और रिटायरमेंट में पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करें। पॉलिसी लेते वक्त कंपनी की विश्वसनीयता, क्लेम सेटलमेंट रेशियो, और नेटवर्क हॉस्पिटल्स की लिस्ट जरूर चेक करें। वर्ल्ड हेल्थ डे हमें याद दिलाता है कि सेहत का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है, और सही हेल्थ इंश्योरेंस उसमें हमारी मदद करता है। तो आज ही अपने लिए और अपने परिवार के लिए सही पॉलिसी चुनें, ताकि कल को कोई चिंता न रहे।