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Market Outlook: RBI की ब्याज दर और टैरिफ फैसलों से तय होगा बाजार का रुख

Market Outlook: इस सप्ताह RBI की नीति और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता शेयर बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी।

Last Updated- September 28, 2025 | 1:31 PM IST
Market Outlook
Representative Image

Market Outlook: इस छुट्टियों वाले सप्ताह में शेयर बाजार की दिशा तय करने में मुख्य भूमिका भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ब्याज दर की नीति, टैरिफ से जुड़े फैसले, वैश्विक घटनाक्रम और विदेशी निवेशकों (FII) की ट्रेडिंग गतिविधियां निभाएंगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू और वैश्विक आर्थिक डेटा पर भी निवेशकों की निगाहें रहेंगी। इसमें औद्योगिक उत्पादन (IIP) और HSBC के मैन्युफैक्चरिंग PMI के आंकड़े शामिल हैं। शेयर बाजार गुरुवार को दशहरा और महात्मा गांधी जयंती के कारण बंद रहेंगे।

विशेषज्ञों के विचार:

  • अजीत मिश्रा, SVP, रिसर्च, रिलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड ने कहा, “यह सप्ताह डेटा से भरा हुआ है, जहां घरेलू और वैश्विक संकेतों से बाजार की रफ्तार तय होगी। घरेलू स्तर पर औद्योगिक उत्पादन और RBI की नीति पर ध्यान रहेगा। सितंबर डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स की समाप्ति भी बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकती है। वैश्विक स्तर पर, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते की प्रगति पर नजर रहेगी।”

  • स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीणा ने कहा, “US-India व्यापार संबंधों पर सभी की निगाहें हैं। घरेलू स्तर पर RBI की 1 अक्टूबर की नीति महत्वपूर्ण है। निवेशक यह देख रहे हैं कि क्या ब्याज दर में कटौती होगी। साथ ही IIP डेटा और त्योहार के सीजन की बिक्री भी बाजार के लिए ट्रिगर साबित हो सकती है।”

वैश्विक स्तर पर अमेरिकी मैक्रो डेटा, डॉलर इंडेक्स की चाल और कच्चे तेल की कीमतें निकट भविष्य में बाजार की दिशा तय करेंगी। हालांकि, विदेशी निवेश (FII) प्रवाह बाजार के रुझान का सबसे अहम संकेतक माना जा रहा है।

पिछले सप्ताह BSE का बेंचमार्क 2,199.77 अंक या 2.66% गिरा और NSE निफ्टी 672.35 अंक या 2.65% नीचे आया।

विनोद नायर, हेड ऑफ रिसर्च, जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ने कहा, “भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के अंत में कमजोर स्थिति में बंद हुए, लगभग सभी सेक्टर्स में गिरावट देखी गई। IT इंडेक्स H-1B वीज़ा शुल्क बढ़ने के डर और Accenture के कमजोर नजरिए के कारण दबाव में रहा। फार्मा सेक्टर पर अमेरिका के नए टैरिफ के कारण भी भारी बिकवाली हुई। मिड और स्मॉल कैप शेयरों में गिरावट बड़ी रही।”

रुपया कमजोर बना रहा, विदेशी निवेश निकासी और अमेरिका के व्यापार कदमों से उत्पन्न वैश्विक जोखिम के कारण। वहीं, सोने की कीमतों में मजबूती देखी गई, क्योंकि निवेशक इसे सुरक्षित विकल्प मान रहे हैं।

सिद्धार्थ खेमका, हेड ऑफ रिसर्च, वेल्थ मैनेजमेंट, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा, “इस सप्ताह बाजार RBI की ब्याज दर की नीति, अमेरिकी कंज़्यूमर कॉन्फिडेंस डेटा और भारत, चीन और अमेरिका के मैन्युफैक्चरिंग PMI पर नजर रखेंगे।”

First Published - September 28, 2025 | 1:21 PM IST

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