भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने शनिवार को साफ कहा कि शेयर बाजार में किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह बयान जेन स्ट्रीट (Jane Street) नाम की अमेरिकी हाई-फ्रिक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई के बाद दिया।
सेबी ने न्यूयॉर्क स्थित इस फर्म और इसकी सहयोगी कंपनियों को घरेलू बाजार में ट्रेडिंग से प्रतिबंधित कर दिया है। फर्म पर आरोप है कि उसने निफ्टी बैंक इंडेक्स में हेराफेरी की।
सेबी ने 3 जुलाई को जारी अपने अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट द्वारा किए गए 4,844 करोड़ रुपये के ‘अनुचित लाभ’ जब्त करने का निर्देश दिया है। यह अब तक की सबसे बड़ी जब्ती मानी जा रही है।
एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए पांडे ने कहा, “हमने निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया है। एक्सचेंज और सेबी दोनों स्तरों पर निगरानी टीम की संख्या बढ़ाई गई है। यह एक निगरानी से जुड़ा मामला है और हम हर गतिविधि पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।”
जब उनसे विदेशी संस्थाओं के खिलाफ संभावित जांच को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “अब हम हर पहलू को देख रहे हैं। बाजार में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
SEBI ने एक 105 पेज के आदेश में खुलासा किया है कि हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) ने भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) नियमों से बचने के लिए कुछ संस्थाएं बनाई थीं। हाल के महीनों में कई हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनियां भारत में अपने ऑफिस शुरू कर चुकी हैं।
फिलहाल जो आदेश जारी किया गया है, वह बैंक निफ्टी में फर्म द्वारा अपनाई गई कुछ रणनीतियों तक सीमित है। लेकिन सेबी इस बात की भी जांच कर रहा है कि जेन स्ट्रीट ने निफ्टी 50 और बीएसई सेंसेक्स जैसे अन्य इंडेक्स में भी इसी तरह की ट्रेडिंग रणनीतियां अपनाई थीं या नहीं।
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा आदेश केवल 18 दिनों की बैंक निफ्टी इंडेक्स में कथित गड़बड़ी और निफ्टी इंडेक्स में तीन एक्सपायरी दिनों पर की गई गतिविधियों पर आधारित है। सेबी अब विभिन्न एक्सचेंजों के अन्य एक्सपायरी दिनों की भी जांच कर रहा है ताकि संभावित पैटर्न्स को पहचाना जा सके।
इस पूरे मामले में सेबी का अंतिम आदेश आने वाले कुछ महीनों में जारी होने की उम्मीद है। इस बीच, नियामक ने इंट्राडे ट्रेडिंग पर निगरानी को और मजबूत कर दिया है, खासकर पोजिशन लिमिट्स को लेकर।