अमेरिका और चीन के बीच संभावित व्यापार समझौते को लेकर आशावाद के बीच सोमवार को भारतीय शेयर बाजारों में तेजी दर्ज की गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस सप्ताह अपनी नीतिगत बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से भी मनोबल बढ़ा।
सेंसेक्स 567 अंक यानी 0.7 फीसदी की बढ़त के साथ 84,779 पर बंद हुआ। निफ्टी 171 अंक यानी 0.7 फीसदी के इजाफे के साथ 25,966 पर टिका। दोनों सूचकांक अब अपने-अपने सर्वकालिक उच्चस्तर से महज 1 फीसदी दूर हैं। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 472 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
अमेरिकी और चीनी अधिकारियों के व्यापार समझौते के लिए व्यापक खाके पर चर्चा की खबरों के बाद निवेशकों की धारणा मजबूत हुई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग गुरुवार को दक्षिण कोरिया में एपेक शिखर सम्मेलन के दौरान इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए मुलाकात कर सकते हैं।
इस बीच, अमेरिका में उम्मीद से कमज़ोर मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने इस हफ्ते फेड दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। अगस्त में 0.4 फीसदी की वृद्धि के बाद सितंबर में उपभोक्ता मूल्य पर आधारित अमेरिकी सूचकांक 0.3 फीसदी बढ़ा। मुद्रास्फीति की नरम दर कम ब्याज दरों की संभावना को मजबूत करती है, जिससे आमतौर पर भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश बढ़ता है। तीन महीने की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक अक्टूबर में शुद्ध खरीदार बन गए।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, निवेशकों की नजर मंगलवार को आने वाले भारत के औद्योगिक उत्पादन और अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास के आंकड़ों पर रहेगी। नतीजों की घोषणाएं तेजी से जारी हैं। इसलिए तिमाही नतीजों और प्रबंधन की टिप्पणियों के आधार पर बाजारों में सेक्टर और शेयर विशेष में चाल देखने को मिल सकती है। कुल मिलाकर हमें मजबूत वैश्विक संकेतों, नए सिरे से विदेशी निवेशकों की खरीदारी और कंपनियों की अच्छी आय की उम्मीदों के चलते बाजार में धीरे-धीरे तेजी की संभावना लगती है।
कई कंपनियों के मजबूत तिमाही अपडेट ने हाल की बढ़त में सहायता की है। हालांकि अमेरिका-चीन समझौते पर अनिश्चितता और ऊंची कीमतों के कारण उच्चस्तर पर मुनाफावसूली जारी है।
पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अमेरिका भारतीय निर्यात पर टैरिफ को मौजूदा 50 फीसदी से घटाकर 15-16 फीसदी कर सकता है। दोनों देशों के बीच संभावित व्यापार समझौता मौजूदा तेजी को नई गति दे सकता है।
सैमको सिक्योरिटीज़ के डेरिवेटिव शोध विश्लेषक धूपेश धमीजा ने कहा, तकनीकी रूप से निफ्टी ने 25,700 से ऊपर मजबूत आधार बनाया है। 10 और 20 दिवसीय एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से ऊपर इसकी निरंतर स्थिति मजबूत अंतर्निहित समर्थन का संकेत देती है। हर छोटी गिरावट पर सक्रिय रूप से खरीदारी हो रही है, जो बाजार के प्रतिभागियों की निरंतर खरीदारी का संकेत है। 25,750-25,650 का दायरा गिरावट पर खरीदारी वाला अहम जोन बना हुआ है। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात थोड़ा नकारात्मक रहा और बीएसई पर 2,198 शेयर टूटे जबकि 2,099 में बढ़त दर्ज की गई।