Closing Bell: एशियाई बाजारों में कमजोर रुख के अनुरूप भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार (31 दिसंबर) को साल 2024 के लास्ट ट्रेडिंग सेशन में लाल निशान में बंद हुआ। आईटी स्टॉक्स में गिरावट के बीच अमेरिका में बांड यील्ड (U.S Treasury) में वृद्धि से उभरते हुए शेयर बाजारों पर नेगेटिव असर पड़ा। इसकी वजह से विदेशी निवेशक इन बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) मंगलवार (31 दिसंबर) को 250 से ज्यादा अंक फिसलकर खुला। कारोबार के दौरान यह 1100 से ज्यादा अंक तक फिसल गया था। हालांकि, दिन की बड़ी गिरावट से उबरते हुए सेंसेक्स अंत में 109.12 अंक या 0.14% गिरकर 78,139.01 पर क्लोज हुआ।
दूसरी तरफ, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ़्टी50 (Nifty-50) लगभग पिछले बंद भाव पर सपाट रहते हुए 0.10 अंक गिरकर 23,644.80 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स और निफ्टी ने 2024 में 8.4% का रिटर्न दिया
निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) ने 2024 का अंत निवेशकों को 8.4% का रिटर्न देने के साथ किया। हालांकि, यह साल 2023 के लगभग 20% के रिटर्न से काफी कम है। कॉरपोरेट कंपनियों के तिमाही नतीजों में नरमी और पिछली तिमाही में लगातार विदेशी बिकवाली से बाजार पर असर पड़ा है।
साल 2024 में सेंसेक्स 5,898.75 अंक या 8.16 प्रतिशत उछला और निफ्टी 1,913.4 अंक या 8.80 प्रतिशत बढ़ा। बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स इस साल 27 सितंबर को 85,978.25 के अपने रिकॉर्ड शिखर पर पहुंच गया और उसी दिन एनएसई निफ्टी भी 26,277.35 के अपने ऑल टाइम लेवल पर पंहुचा था।
भारत जनता पार्टी (BJP) के सत्ता में लौटने के बाद घरेलू निवेशकों के समर्थन और नीतिगत निरंतरता के कारण स्टॉक मार्केट लगातार नौवें वर्ष पॉजिटिव नॉट में बंद हुआ।
टॉप लूजर्स
सेंसेक्स में लिस्टेड 30 कंपनियों में टेक महिंद्रा, ज़ोमैटो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचसीएल टेक्नोलॉजीज प्रमुख रूप से गिरावट में रहे।
टॉप गेनर्स
दूसरी तरफ, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी (ITC), अल्ट्राटेक सीमेंट और टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयर हरे निशान में बंद हुए।
शेयर बाजार में आज (31 दिसंबर) को गिरावट की वजह
आईटी स्टॉक्स में बिकवाली समेत एशियाई बाजारों में गिरावट ने घरेलू बाजारों को नीचे खींचा। अमेरिका में बांड यील्ड (U.S. Treasury) में वृद्धि से उभरते हुए शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसकी वजह से उभरते बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में बांड यील्ड और डॉलर में मजबूती ने विदेशी निवेशकों को अपना कुछ पैसा भारत जैसे उभरते हुए बाजारों से निकाल कर अमेरिका में इन्वेस्ट करने के लिए मजबूर किया है। इससे घरेलू बाजारों पर दबाव पड़ा है।
अदाणी विल्मर का शेयर 8% तक टूटा
अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) का शेयर मंगलवार (31 दिसंबर) को इंट्रा-डे ट्रेड में 8% तक फिसल गया। अंत में यह 6.45% या 21.25 रुपये गिरकर 308.25 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। अदाणी विल्मर के शेयरों में यह गिरावट दरअसल गौतम अदाणी के कंपनी में अपनी पूरी 44% हिस्सेदारी बेचने की खबरों के बाद आई है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
विदेशी निवेशकों (FIIs) ने सोमवार को 1,893.16 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बेचे और लगातार 10वे ट्रेडिंग सेशन में नेट सेलर रहे। इसके विपरीत, घरेलू निवेशक लगातार 9वे ट्रेडिंग सेशन में शुद्ध रूप से नेट बायर रहे।
सोमवार को कैसी थी बाजार की चाल ?
बैंक शेयरों की अगुवाई में सोमवार को भारत के बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट आई थी। यह गिरावट अमेरिकी बांड यील्ड में बढ़ोतरी और 2025 में कम अमेरिकी दर में कटौती की संभावनाओं ने विदेशी ऑउटफ्लो को बढ़ावा दिया और बाजार के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर डाला।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सोमवार (30 दिसंबर) को 450.94 अंक या 0.57% की बड़ी गिरावट लेकर 78,248.13 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ़्टी50 (Nifty-50) भी 168.50 अंक या 0.71% की गिरावट लेकर 23,644.90 पर क्लोज हुआ।