बाजार नियामक सेबी ने रीट्स एवं इनविट्स को विदेशी निवेशकों को डिपॉजिटरी रसीद जारी करने की मंजूरी देने का बृहस्पतिवार को प्रस्ताव रखते हुए कहा कि इससे भारत के उभरते निवेश साधनों में भागीदारी का मौका मिलेगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एक परामर्श पत्र में कहा कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REITs) और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InVITs) की तरफ से डिपॉजिटरी रसीद जारी करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि इन रसीदों से भारतीय शेयर बाजारों में सीधे कारोबार की जरूरत खत्म हो जाती है।
रीट्स और इनविट्स का गठन कारोबारी ट्रस्ट के रूप में होता है जो क्रमशः राजस्व पैदा करने वाली रियल एस्टेट एवं ढांचागत परिसंपत्तियों का परिचालन करते हैं।
इन निवेश साधनों की कई योजनाएं या कई यूनिट नहीं होती हैं। भारतीय मुद्रा में अंकित यूनिट को किसी मान्यता-प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध करना होता है।
सेबी ने कहा, ‘‘किसी विदेशी शेयर बाजार में सूचीबद्ध रीट्स एवं इनविट्स की यूनिट के मुकाबले डिपॉजिटरी रसीद जारी करने की मंजूरी देने से विदेशी निवेशकों को भारतीय रीट्स एवं इनविट्स की यूनिट में भागीदारी करने का मौका मिलेगा।’
बाजार नियामक ने इस प्रस्ताव पर 21 फरवरी तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।