सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के ठीक एक दिन बाद, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने छोटे और मध्यम उद्यमों (SME) की लिस्टिंग के लिए नए पात्रता नियम लागू कर दिए हैं। एनएसई ने 20 दिसंबर को जारी सर्कुलर में कहा, “जो SME अपने सिक्योरिटीज को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करना चाहते हैं, उन्हें सेबी द्वारा 208वीं बोर्ड बैठक में मंजूर किए गए हालिया संशोधनों के अनुसार सभी अतिरिक्त पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे।”
आमतौर पर ये नियम सेबी के नोटिफिकेशन के बाद लागू होते हैं, लेकिन एनएसई ने इन्हें 19 दिसंबर 2024 से लागू कर दिया है। सर्कुलर के अनुसार, “SME फ्रेमवर्क पर अतिरिक्त नियम 19 दिसंबर 2024 के बाद दायर होने वाले ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) पर लागू होंगे। अन्य मौजूदा मानदंड, जो क्वालिटी जांच के लिए लागू किए गए हैं, पहले की तरह ही जारी रहेंगे।”
नए नियम क्या हैं?
ऑपरेटिंग प्रॉफिट: अब केवल वही इश्यूअर पात्र होंगे, जिनका पिछले तीन में से किसी भी दो वित्तीय वर्षों में ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) ₹1 करोड़ हो।
ऑफर-फॉर-सेल सीमा: शेयरधारकों द्वारा ऑफर-फॉर-सेल का साइज कुल इश्यू का अधिकतम 20% हो सकता है।
ऋण चुकाने पर प्रतिबंध: SME आईपीओ का उद्देश्य प्रमोटर्स, प्रमोटर समूह या संबंधित पार्टियों के कर्ज चुकाने के लिए इश्यू की आय का उपयोग करना नहीं हो सकता।
सेबी ने दी है सुधारों को मंजूरी
सेबी ने SME लिस्टिंग के नियमों को मुख्य बोर्ड पर लिस्ट होने वाली कंपनियों के समान बनाने के लिए कई सुधारों को सैद्धांतिक मंजूरी दी है।
एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर पूंजी जुटाने का रिकॉर्ड
वित्त वर्ष 2012 से अक्टूबर 2024 तक, NSE Emerge पर लिस्ट हुए 572 SME ने करीब ₹15,000 करोड़ जुटाए हैं। इनमें से 140 कंपनियां मुख्य बोर्ड पर माइग्रेट कर चुकी हैं। सितंबर 2024 में NSE Emerge प्लेटफॉर्म पर IPO के जरिए ₹1,194 करोड़ की पूंजी जुटाई गई, जो एक रिकॉर्ड है, लेकिन यह अक्टूबर में घटकर ₹980 करोड़ रह गई।