Sundaram Mutual Fund की मिडकैप स्कीम Sundaram Midcap Fund ने अपने सफर के 23 साल पूरे कर लिए हैं। कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जुलाई 2002 में लॉन्च हुई इस स्कीम ने अब तक 24.1% का सालाना कंपाउंड रिटर्न (CAGR) दिया है। यानी अगर किसी निवेशक ने 2002 में ₹1 लाख लगाए होते, तो आज वह रकम करीब ₹1.4 करोड़ हो गई होती। अगर किसी निवेशक ने इन 23 सालों में हर महीने ₹10,000 का SIP किया होता, तो अब तक कुल निवेश ₹27.5 लाख होता। लेकिन इसकी वैल्यू आज करीब ₹4.71 करोड़ हो गई होती, और इस पर 20.7% XIRR (एक्सटेंडेड इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न) मिला होता।
Sundaram Mutual के हेड ऑफ इक्विटीज भरत एस. ने कहा कि इस फंड की सफलता के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह है कि यह स्केलेबल ग्रोथ वाले बिजनेस, मजबूत लीडरशिप और अच्छी फाइनेंशियल सेहत वाली कंपनियों में लगातार निवेश करता रहा है। कंपनी का मानना है कि इंडस्ट्री के औसत से बेहतर प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को मार्क करना और उनमें लंबे समय तक निवेश करना ही फंड की सफलता का मूल मंत्र है।
कंपनी ने बताया कि यह फंड भारत की बदलती और संगठित होती अर्थव्यवस्था के अनुरूप धीरे-धीरे अपनी रणनीति को अपडेट करता रहा, लेकिन इसकी मूल विचारधारा — मजबूत मिडकैप कंपनियों की पहचान और अनुशासित पोर्टफोलियो निर्माण- आज भी जस की तस बनी हुई है। जोखिम को लेकर यह फंड हमेशा सतर्क रहा है। लिक्विडिटी, स्टॉक में एक्सपोजर लिमिट और पोर्टफोलियो का संतुलन लगातार मॉनिटर किया जाता है ताकि अनिश्चित बाजार स्थितियों में भी नुकसान को सीमित किया जा सके।
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30 जून 2025 तक Sundaram Asset Management Company का कुल AUM (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) ₹73,405 करोड़ था। अगर इसकी सब्सिडियरी Sundaram Alternate Assets Ltd (SAAL) को भी शामिल करें, तो कुल AUM ₹80,463 करोड़ पहुंच गया। वहीं, FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा ₹45 करोड़ रहा, जो पिछले साल की पहली तिमाही में ₹29 करोड़ था।
Sundaram Asset Management की पैरेंट कंपनी Sundaram Finance की शुरुआत 1954 में हुई थी। आज यह कंपनी भारत की सबसे भरोसेमंद और बड़ी वित्तीय (फाइनेंशियल) कंपनियों में गिनी जाती है। यह कंपनी कॉमर्शियल गाड़ियां, कार, ट्रैक्टर खरीदने के लिए लोन देती है। इसके साथ ही यह छोटे व्यापारियों (SME) को लोन, घर खरीदने के लिए होम लोन, बीमा (इंश्योरेंस), म्यूचुअल फंड, और पैसे निवेश करने से जुड़ी सेवाएं भी देती है। भारत में इसके 700 से ज्यादा दफ्तर (ब्रांच) हैं, 1 लाख से ज्यादा लोग इसमें पैसा जमा करते हैं, और 5 लाख से भी ज्यादा लोग इससे लोन ले चुके हैं।