Mirae Asset MF: एसेट मैनेजमेंट कंपनी मिराए एसेट म्युचुअल फंड (Mirae Asset Mutual Fund) का नया फंड (NFO) शुक्रवार (10 जनवरी) को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया। म्युचुअल फंड हाउस ने इक्विटी कैटेगरी में नई स्कीम मिराए एसेट स्मालकैप फंड (Mirae Asset Small Cap Fund) लॉन्च की है। इस ओपन-एंडेड स्कीम में 24 जनवरी 2025 तक आवेदन किया जा सकता है। यह स्कीम मुख्य रूप से स्मॉलकैप शेयरों पर फोकस करेगी। फंड का बेंचमार्क निफ्टी स्मॉलकैप 250 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) है।
मिराए एसेट म्युचुअल फंड के मुताबिक, शेयर बाजार में निवेश के जरिए अपनी पूंजी बढ़ाना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए खास हो सकती है। इस निवेश योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे कैप शेयरों में पैसा लगाकर पूंजी में वृद्धि करना है।
फंड मैनेजर समय-समय पर अन्य इक्विटी और उनसे जुड़ी प्रतिभूतियों में भी निवेश करेंगे, ताकि पोर्टफोलियो को बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके और निवेशकों को अधिक लाभ मिल सके।
हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि शेयर बाजार में हमेशा जोखिम रहता है, और इस योजना के तहत लाभ की गारंटी नहीं दी जा सकती। इसके फंड मैनेजर वरुण गोयल हैं।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, मिराए एसेट स्मालकैप फंड में मिनिमम 5,000 रुपये और उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में निवेश शुरू कर सकते हैं। वहीं, SIP के जरिए 99 रुपये से शुरू होने वाला निवेश भी 1 रुपये के मल्टीपल में किया जा सकता है। अतिरिक्त निवेश के लिए न्यूनतम 1,000 रुपये की राशि तय की गई है।
इस स्कीम में रिडेम्पशन या स्विच आउट के लिए कोई न्यूनतम सीमा नहीं है, जिससे निवेशक अपनी इच्छानुसार किसी भी राशि या यूनिट्स का रिडेम्पशन कर सकते हैं। यह नियम सेबी के 27 जून 2024 के मास्टर सर्कुलर के क्लॉज 6.9 और 6.10 में अनिवार्य निवेश पर लागू नहीं होंगे, जो इसे निवेशकों के लिए ज्यादा फ्लै क्सिबल और सरल बनाता है।
म्युचुअल फंड हाउस के मुताबिक, जो निवेशक स्मॉल-कैप फंड में निवेश कर जोखिम लेने के लिए तैयार हैं, तो इस एनएफओ में निवेश एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। यह फंड उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, जो अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ते सेगमेंट्स में निवेश कर अपनी संपत्ति को कई गुना बढ़ाना चाहते हैं। इस फंड में 65% तक निवेश स्मॉल कैप स्टॉक्स में होगा, जबकि 35% हिस्सा मिड और लार्ज कैप स्टॉक्स में आवंटित किया जाएगा।
SWP चुनने वाले निवेशकों के लिए:
पहले 365 दिनों में 15% यूनिट्स का रिडेम्पशन:
अगर निवेशक ने योजना के तहत SWP (सिस्टेमेटिक विदड्रॉअल प्लान) चुना है, तो उन्हें आवंटित यूनिट्स (Switch-in/STP-in सहित) में से 15% तक के रिडेम्पशन पर कोई एग्जिट लोड नहीं देना होगा।
15% की सीमा से अधिक रिडेम्पशन पर शुल्क:
यदि पहले 365 दिनों में 15% यूनिट्स से अधिक रिडेम्पशन किया जाता है, तो निम्न शर्तें लागू होंगी:
रिडेम्पशन की प्रक्रिया फर्स्ट इन फर्स्ट आउट (FIFO) आधार पर होगी। यानी सबसे पहले खरीदी गई यूनिट्स को पहले बेचा जाएगा।
अन्य रिडेम्पशन (SWP नहीं चुनने वाले निवेशकों के लिए):
जो निवेशक SWP के तहत नहीं आते (Switch-out/STP-out सहित), उनके लिए रिडेम्पशन पर निम्न शुल्क लागू होंगे:
पहले 1 वर्ष (365 दिनों) में रिडेम्पशन:
नेट एसेट वैल्यू (NAV) का 1% एग्जिट लोड लगेगा।
1 वर्ष (365 दिनों) के बाद रिडेम्पशन: कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा।
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Mirae Asset MF: कौन कर सकता है निवेश?
फंड हाउस के मुताबिक, यह स्कीम उनके लिए है जो ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं। खासकर वो निवेशक, जो लंबी अव धि में वेल्थ बनाना चाहते हैं, और अपने पोर्टफोलियो से बेहतर कमाई करना चाहते हैं। इसके अलावा, यह फंड उन लोगों के लिए भी सही है जो हर महीने थोड़ा-थोड़ा पैसा SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए निवेश करके बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटना चाहते हैं।
(*डिस्क्लेमर:यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश जो खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)