Mutual Fund December 2024 Data: मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव के बीच निवेशकों ने दिसंबर में म्युचुअल फंड से 80,354 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि, इक्विटी म्युचुअल फंड्स में निवेशकों का उत्साह कम नहीं हुआ। दिसंबर में इन फंड्स में 41 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का शुद्ध निवेश (नेट इफ्लो) दर्ज किया गया। इस अवधि में SIP में निवेशकों का उत्साह रिकॉर्ड हाई पर रहा। इसमें निवेश पहली बार 26,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया।
AMFI के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में म्युचुअल फंड्स का ओवरऑल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) घटकर 66,93,032 करोड़ रुपए रह गया। डेट फंड को लेकर निवेशक सबसे ज्यादा सतर्क दिखे और उन्होंने 1.27 लाख करोड़ रुपये की निकासी की।
म्युचुअल फंड्स में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए ताबड़तोड़ निवेश जारी है। दिसंबर 2024 में SIP निवेश पहली बार 26,000 करोड़ के पार चला गया। निवेशकों ने दिसंबर में SIP के जरिए 26,459.5 करोड़ रुपये का निवेश म्युचुअल फंड्स स्कीम्स में किया। नवंबर 2024 में SIP इनफ्लो 25,320 करोड़ रुपये रहा था।
इक्विटी फंड्स ने दिसंबर 2024 में निवेशकों का ध्यान खींचा। दिसंबर में इस फंड्स में 41,155.91 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया। जबकि नवंबर 2024 में 35,943.49 करोड़ रुपए का इनफ्लो था। निवेशकों ने सेक्टोरल / थीमैटिक म्युचुअल फंड में 15,331 करोड़ रुपये का निवेश बढ़ा। वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप फंड्स में भी निवेशकों की रुचि बनी रही। मिडकैप फंड में नेट आधार पर 5,093 करोड़ रुपये का इन्फ्लो दर्ज किया गया, जबकि स्मॉलकैप फंड में 4,668 करोड़ रुपये का इन्फ्लो आया। फ्लेक्सी-कैप फंड में 4,730.71 करोड़ रुपये का इनफ्लो बढ़ा।
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नवंबर के मुकाबले डेट फंड्स के लिए दिसंबर का महीना बेहद उतार-चढ़ाव वाला रहा। इस सेगमेंट से 1,27,153 करोड़ रुपए की भारी निकासी हुई, जबकि नवंबर में 12,915.90 करोड़ रुपए का पॉजिटिव नेट इनफ्लो दर्ज किया गया था। लिक्विड फंड से भारी निकासी दर्ज की गई। इस दौरान कुल ₹66,532.12 करोड़ की शुद्ध निकासी हुई। इसके अलावा, मनी मार्केट फंड से भी निवेशकों ने ₹25,842.96 करोड़ की निकासी की। इसके बाद, ओवरनाइट फंड से भी दिसंबर 2024 में ₹22,347.58 करोड़ की शुद्ध निकासी हुई।
हायब्रिड फंड्स ने दिसंबर में 4,369.78 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो दर्ज किया, जो नवंबर में 4,123.69 करोड़ रुपए था। यह सेगमेंट निवेशकों के लिए स्थिर विकल्प बना हुआ है।डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड (DAA) में निवेशकों ने 1,596.12 करोड़ रुपये का निवेश किया। वहीं, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (MAA) में 2,574.72 करोड़ रुपये का निवेश बढ़ा।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर, अखिल चतुर्वेदी ने बताया कि दिसंबर में भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में इक्विटी फंड्स, खासतौर पर स्मॉल-कैप और सेक्टोरल/थीमेटिक फंड्स की मांग में काफी तेजी देखी गई। हालांकि, ओवरऑल ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में नेट आउटफ्लो हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि फिक्स्ड-इनकम और डेट सेगमेंट में बड़े पैमाने पर निकासी हुई, जो निवेशकों की बदलती धारणा को दर्शाती है। इसके बावजूद, इंडस्ट्री का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) मजबूत बना रहा, जो इसकी स्थिरता का प्रमाण है।
चतुर्वेदी ने बताया कि इक्विटी सेगमेंट में नई फंड ऑफरिंग्स (NFO) से इनफ्लो में बढ़ोतरी हुई, जिसमें पैसिव फंड्स सबसे आगे रहे। इसके साथ ही, स्मॉल-कैप फंड्स की मांग में भी काफी इजाफा हुआ, जबकि मल्टी-कैप, लार्ज-कैप और लार्ज एंड मिड-कैप फंड्स में निवेशकों की रुचि घटी।
स्मॉलकेस मैनेजर और निवेशाय (Niveshaay) के फाउंडर अरविंद कोठारी ने कहा कि एएमएफआई के दिसंबर 2024 के डेटा के अनुसार, कुल एयूएम (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹66.93 लाख करोड़ पर पहुंच गया। हालांकि, मजबूत इक्विटी इनफ्लो और निवेशकों की भागीदारी ने बाजार की मजबूती और दीर्घकालिक आकर्षण को बनाए रखा।
उन्होंने बताया कि इक्विटी एयूएम ₹30.6 लाख करोड़ पर स्थिर रहा। खासतौर पर, दिसंबर 2024 में ₹41,156 करोड़ का शुद्ध इनफ्लो देखने को मिला, जो यह दर्शाता है कि निवेशक अभी भी इक्विटी में भरोसा जता रहे हैं।
कोठारी ने यह भी कहा कि बाजार में अलग-अलग सेक्टर्स में निवेश और भागीदारी हो रही है, जो बाजार की लंबे समय तक मजबूती और आकर्षक होने का संकेत देता है।
उन्होंने बताया कि मिडकैप और स्मॉलकैप स्कीम्स लगातार निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं, जो भारत की विकास गाथा और इन सेगमेंट्स की बेहतर प्रदर्शन क्षमता पर विश्वास को दर्शाता है। सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स में भी ₹15,000 करोड़ का इनफ्लो आया, जिससे टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में रुचि दिखती है।
SIP ने खुदरा निवेशकों का भरोसा बनाए रखा, जिसमें दिसंबर में ₹26,459 करोड़ का रिकॉर्ड इनफ्लो दर्ज हुआ। मजबूत घरेलू आर्थिक स्थिति और इक्विटी स्कीम्स में बढ़ती भागीदारी से भारतीय बाजार भविष्य में मजबूत प्रदर्शन के लिए तैयार है।”