हितेन्द्र कुमार भाईचंदभाई पांचाल बनाम पीरामल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड मामले में मकान खरीदार ने आरोप लगाया कि डेवलपर द्वारा जानकारी साझा करने से इनकार किए जाने के कारण भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से होम लोन की मंजूरी मिलने में देरी हुई। हालांकि वह परियोजना महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (महारेरा) ने कहा कि परियोजना विधिवत रूप से पंजीकृत थी। सभी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध थी और इसलिए देरी के लिए बिल्डर जिम्मेदार नहीं था। मगर इस मामले से एक बात साफ हो जाती है कि मकान खरीदारों के लिए राज्य रेरा वेबसाइटों का उपयोग करना जरूरी है।
मकान या फ्लैट बुक करने से पहले खरीदारों को तस्दीक कर लेनी चाहिए कि वह परियोजना राज्य के रेरा पोर्टल पर पंजीकृत है। बीएमआर लीगल के पार्टनर शांकी अग्रवाल ने कहा, ‘पंजीकरण का मतलब यह है कि बिल्डर ने अपनी परियोजना से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण विवरण- जमीन का टाइटल, मंजूरियां, लेआउट, पजेशन की समय-सीमा और लंबित मामले- इस सरकारी प्लेटफॉर्म पर साझा किए हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि परियोजना सही है और वह नियामक की निगरानी में है। यह परियोजना संबंधी रकम के दुरुपयोग को भी रोकता है क्योंकि बिल्डरों को खरीदारों से प्राप्त रकम का 70 फीसदी हिस्सा उस परियोजना से संबंधित विशेष खाते में रखना होगा।’
रेरा पंजीकरण खरीदारों को पजेशन में देरी होने अथवा वादों के उल्लंघन जैसे मामलों में रिफंड या मुआवजे की मांग करने के कानूनी अधिकार भी प्रदान करता है।
मकान खरीदार को किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने अथवा भुगतान करने से पहले रेरा वेबसाइट पर परियोजना का पंजीकरण प्रमाण पत्र, अनुमोदित लेआउट प्लान, टाइटल दस्तावेज, देनदारियां, मुकदमेबाजी का इतिहास, पजेशन की समय-सीमा और बिक्री समझौते का मसौदा देखना चाहिए। सत्यापित खुलासे परियोजना की वैधता और बिल्डर के अनुपालन ट्रैक रिकॉर्ड की पुष्टि करने में मदद करते हैं।
रेरा पोर्टल डेवलपर की पिछली और जारी परियोजनाओं, परियोजना पूरा करने हुई देरी, शिकायतों और जुर्मानों के बारे में स्पष्ट जानकारी देता है। अग्रवाल ने कहा, ‘परियोजना को समय पर पूरा होने और अधिक विवाद न होना डेवलपर को विश्वस्नीय बनाते हैं। जबकि बार-बार विस्तार अथवा लंबित मामलों वाला डेवलपर अधिक जोखिम पैदा कर सकता है। इस प्रकार खरीदारी से पहले की गई उचित जांच-परख खरीदारों को समस्याग्रस्त परियोजनाओं से बचने में मदद करती है।’
मकान खरीदने के बाद आपको रेरा पोर्टल पर त्रैमासिक प्रगति रिपोर्ट, तस्वीरों के साथ निर्माण अपडेट, विस्तार, पूर्णता प्रमाण पत्र और भूमि हस्तांतरण संबंधी विवरण पर नजर रखनी चाहिए। इससे आपको परियोजना की स्थिति पर नजर रखने और शुरुआती दौर में ही समस्याओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। डेवलपर्स को हर तिमाही के 15 दिनों के भीतर परियोजना की जानकारी अपडेट करनी होती है।
एनारॉक ग्रुप के कार्यकारी निदेशक और अनुसंधान एवं सलाहकार प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा, ‘मकान खरीदारों को भलीभांति देखना चाहिए कि समय-सीमा और मंजूरियां सही ट्रैक पर हैं या नहीं। यह भी देखना चाहिए कि कहीं कोई बदलाव तो नहीं किया जा रहा। जानकारियां हासिल करने और जरूरत पड़ने पर मुद्दे को उठाने के लिए रेरा के पारदर्शिता ढांचे का उपयोग करना चाहिए।’
कई मकान खरीदार अभी भी रेरा पोर्टल को नजरअंदाज करते हैं। वे इसके बजाय ब्रोशर, विज्ञापन और बिक्री पर निर्भर रहते हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘कुछ लोग परियोजना पंजीकरण की जांच करना छोड़ देते हैं अथवा प्रगति संबंधी अपडेट को अनदेखा करते हैं। इससे उन्हें वित्तीय नुकसान के अलावा विवादों में फंसने का खतरा होता है। रेरा वेबसाइट प्रामाणिक परियोजना विवरणों का सरकार द्वारा सत्यापित स्रोत है। खरीदार डेवलपर के दावों को सत्यापित करने, प्रगति पर नजर रखने और शुरुआती समस्याओं का पता लगाने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं।’
खरीदार कई अन्य गलतियां भी करते हैं। ठाकुर ने कहा, ‘खरीदार अक्सर वैधानिक खुलासे को सत्यापित करना छोड़ देते हैं। इसके अलावा एकतरफा समझौते की धाराओं को अनदेखा करते हैं, बिना दस्तावेज के भुगतान करते हैं और संशोधित समय-सीमा को अनदेखा करते हैं। मगर ऐसी गलतियां उनके कानूनी विकल्पों को सीमित कर देती हैं।’
करंजावाला ऐंड कंपनी की पार्टनर मनमीत कौर ने कहा, ‘रेरा वेबसाइट मकान खरीदारों के लिए परियोजना की प्रगति पर नजर रखने का एक प्रभावी तरीका है। मगर इसके बावजूद कई लोग डेवलपरों पर लागू पंजीकरण आवश्यकताओं और प्राधिकरण की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध विस्तृत जानकारी से अनजान हैं।’
खरीदारों को मकान खरीदने के दौरान और उससे पहले भी खुलासे पर गौर करना चाहिए। कौर ने कहा, ‘रेरा पंजीकरण संख्या का उपयोग करते हुए आप अद्यतन खुलासे तक पहुंच सकते हैं। इस प्रकार आप डेवलपर के वादों की वास्तविकता को देखते हुए यह भी देख सकते हैं कि रेरा द्वारा अनिवार्य तौर पर जुटाए गए धन का 70 फीसदी हिस्सा अलग खाते में जमा किया गया है या नहीं।’
रेरा वेबसाइट खरीदारों का प्राथमिक संदर्भ बिंदु होना चाहिए। ठाकुर ने कहा, ‘यह उपयोगकर्ता के अनुकूल है और अन्य स्रोतों की तुलना में अधिक विश्वसनीय विवरण प्रदान करता है। रेरा किसी परियोजना की पृष्ठभूमि की जांच करते समय पहला पड़ाव होना चाहिए, न कि बाद का विचार।’
(लेखक स्वतंत्र वित्तीय लेखक हैं।)