facebookmetapixel
4 नए लेबर कोड आज से लागू: कामगारों को मिलेगी सामाजिक सुरक्षा, मौजूदा श्रम कानून बनेंगे सरलरुपये में तेज गिरावट: डॉलर के मुकाबले 89.5 के पार, बॉन्ड यील्ड में उछालसेबी बड़े सुधारों की तैयारी में: ब्रोकर और म्युचुअल फंड नियमों में बदलाव संभव, नकदी खंड में कारोबार बढ़ाने पर जोरभारतीय क्रिकेट टीम का स्पॉन्सर बनकर अपोलो टायर्स को डबल डिजिट में ग्रोथ की आस: नीरज कंवर2025-26 में रियल एस्टेट में हर साल आएगा 5–7 अरब डॉलर संस्थागत निवेश!भारत-इजरायल स्टार्टअप सहयोग होगा तेज, साइबर सुरक्षा और मेडिकल टेक में नई साझेदारी पर चर्चासुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ITAT में CA और वकील को अब समान पात्रता मानदंडनई दवाओं पर 10 साल की एक्सक्लूसिविटी की मांग, OPPI ने कहा- इनोवेशन बढ़ाने को मजबूत नीति जरूरीइन्फ्रा और ऊर्जा क्षेत्र के दिग्गजों संग सीतारमण की बजट पूर्व बैठक में अहम सुझावों पर चर्चानिजी क्षेत्र ने महामारी से भी अधिक परियोजनाएं छोड़ीं, निवेश सुस्ती ने अर्थव्यवस्था को दिया झटका

NFO: कांग्लोमरेट थीम पर ICICI प्रूडेंशियल एमएफ ने उतारा फंड, ₹1000 से निवेश शुरू; क्या है खास

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांग्लोमरेट फंड एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है। इसका स​ब्सि​क्रप्शन 3 अक्टूबर से खुल गया है और 17 अक्टूबर 2025 को बंद होगा

Last Updated- October 03, 2025 | 12:47 PM IST
Franklin India Multi-Factor Fund
Representational Image

NFO Alert: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (ICICI Prudential Mutual Fund) सेक्टोरल कैटेगरी/​थिमैटिक कैटेगरी में कांग्लोमरेट थीम पर ICICI Prudential Conglomerate Fund लेकर आया है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है। इसका स​ब्सि​क्रप्शन 3 अक्टूबर से खुल गया है और 17 अक्टूबर 2025 को बंद होगा। इस स्कीम में निवेश का दायरा करीब 71 कांग्लोमरेट ग्रुप्स हैं, जो अलग-अलग सेक्टर्स में काम कर रही करीब 240 कंपनियों को कवर करेगा।

ICICI Prudential Conglomerate Fund: ₹1000 से निवेश शुरू

म्यूचुअल फंड हाउस के मुताबिक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल कांग्लोमरेट फंड में NFO (न्यू फंड ऑफर) के दौरान न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये है। इस ऑफर के लिए बेंचमार्क BSE सेलेक्ट बिजनेस ग्रुप्स इंडेक्स होगा। इस स्कीम में सभी तरह की मार्केट कैपिटलाइजेशन (लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप) में निवेश करने की फ्लै​क्सिबिलिटी है। इस स्कीम का प्रबंधन ललित कुमार करेंगे।

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (ED) और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO), शंकरन नरेन के मुताबिक, भारत के बड़े बिजनेस समूहों ने दशकों से खुद को ​काफी बदला है। चाहे वह ऑर्गेनाइज्ड रिटेल की शुरुआत करना हो, दूरसंचार को बदलना हो, या फिर रिन्यूएबल एनर्जी और सेमीकंडक्टर जैसे भविष्य के लिए तैयार सेक्टर में प्रवेश करना हो। इन कंपनियों ने हमेशा बड़े पैमाने के साथ दूरदर्शिता और मजबूती के साथ फ्लै​क्सिबिलिटी दिखाया है।

नरेन के मुताबिक, इस फंड के जरिए हम बड़े बिजनेस समूहों की उसी ताकत को पकड़ना चाहते हैं और निवेशकों को एक ऐसा थीम देना चाहते हैं, जो भारत की बदलती ग्रोथ स्टोरी को दर्शाता है।

ICICI Pru कांग्लोमरेट थीम है क्या

दरअसल, कांग्लोमरेट ग्रुप्स वे प्रमोटर-लेड बिजनेस ग्रुप्स होते हैं, जिनका मुख्यालय भारत में है और जिनकी कम से कम दो या उससे ज्यादा लिस्टेड कंपनियां अलग-अलग सेक्टर/इंडस्ट्री में होती हैं। मजबूत प्रमोटर्स और डाइवर्सिफाइड बिजनेस के दम पर ये ग्रुप आर्थिक मंदी (डाउन साइकिल) को संभालने, नए-उभरते सेक्टर में विस्तार करने और अलग-अलग सेक्टर में अवसरों का लाभ उठाने की स्थिति में रहते हैं।

ICICI Pru MF की कांग्लोमरेट थीम वाली स्कीम उन प्रमोटर वाले समूहों में निवेश करेगी, जिनके कम से कम 2 लिस्टेड कंपनियां अलग-अलग सेक्टर/इंडस्ट्री में हों। यह स्कीम करीब 71 कांग्लोमरेट समूहों में निवेश करेगी और इसमें अलग-अलग सेक्टर्स की करीब 240 कंपनियां कवर होंगी।

म्यूचुअल फंड हाउस का कहना है कि वै​श्विक चुनौतियां जैसेकि टैरिफ, सप्लाई चेन में दिक्कतें और महंगा कर्ज का असर ग्रोथ पर असर हो रहा है। साथ ही महंगाई भी बढ़ा रही है। ऐसे में बड़े बिजनेस समूह इस दबाव को आसानी से झेल पाते है। इन समूहों का मार्केट शेयर लगातार बढ़ रहा है।

ICICI Prudential फंड हाउस क्यों लाया ये थीम?

फंड हाउस का कहना है कि बड़े बिजनेस समूहों (कांग्लोमरेट) के बुनियादी संरचना दमदार होगी है। इनमें मजबूती और ग्रोथ दोनों का बेहतर मिक्स होता है। इन बड़े समूहों के पास ज्यादा ऑपरेटिंग कैश फ्लो होता है, जिससे कैपिटल एक्सपेंडिचर और वर्किंग कैपिटल की जरूरतें आसानी से पूरी हो जाती हैं। साथ ही इनकी क्रेडिट रेटिंग दमदार होती है जिससे इन्हें जरूरत पर किफायती और आसान लोन मिल जाता है।

कांग्लोमरेट के पास संसाधनों की कमी नहीं रहती है। टेक्नोलॉजी पार्टनर​शिप और बड़े कस्टमर बेस के चलते इनकी लागत कमी हो जाती है। इसके अलावा, बड़े बिजनेस समूहों में अलग-अलग क्षेत्रों से रेवेन्यू आने के कारण ये मुश्किल बिजनेस साइकिल्स को आसानी से पार कर लेते हैं, कमजोर प्रतिद्वंद्वियों को खरीद लेते हैं और मंदी के दौरान भी अपना विस्तार करते हैं। साथ ही ये समूह तेजी से बढ़ते सेक्टर्स में विस्तार करते हैं। जैसेकि बड़े बिजनेस हाउस रिन्यूएबल एनर्जी, सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे उभरते क्षेत्रों में सक्रिय हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां एनएफओ की जानकारी दी गई। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्यूचुअल फंड में निवेश जो​खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।) 

First Published - October 3, 2025 | 12:47 PM IST

संबंधित पोस्ट