facebookmetapixel
नीतीश ने 20 साल बाद छोड़ा गृह विभाग, सम्राट चौधरी को मिली सबसे बड़ी जिम्मेदारी; वित्त मंत्रालय JDU के खाते मेंभारत सरकार का बड़ा फैसला! एयरपोर्ट के बाद अब देश के 250 बड़े-छोटे बंदरगाहों की सुरक्षा CISF के हाथों मेंKajol Devgan को प्रॉपर्टी डील से होगा बंपर मुनाफा, 9 साल में मिलेंगे पूरे ₹8.6 करोड़SEBI ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में म्युचुअल फंड को निवेश करने से रोका, एंकर राउंट में दी अनुमतिभारत का UPI अब यूरोप से जुड़ेगा, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट मिनटों में निपटेंगे; बड़े बदलाव की तैयारीदिल्ली में इस बार सर्दियों में टूटेंगे बिजली की मांग के पुराने रिकॉर्ड, पीक डिमांड 6,000 मेगावाट तक पहुंचने के आसारमिड और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश की रफ्तार सुस्त, फिर भी क्यों कह रहे हैं एक्सपर्ट्स- SIP मत रोकें?सैलरी जल्द खत्म हो जाती है? एक्सपर्ट ने इससे बचने के लिए बताया 50-30-20 फॉर्मूला, ऐसे कर सकते हैं शुरूTejas fighter jet crash in Dubai: दुबई एयरशो में तेजस लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त, हादसे में पायलट की मौतनए लेबर कोड आज से लागू: मजदूरों के वेतन, सुरक्षा और कामकाज के नियमों में आएगा ऐतिहासिक बदलाव

SEBI ने प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में म्युचुअल फंड को निवेश करने से रोका, एंकर राउंट में दी अनुमति

यह कदम आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनियों के मूल्यांकन में नकदी बढ़ाने तथा पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है

Last Updated- November 21, 2025 | 7:50 PM IST
SEBI

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने म्युचुअल फंड को प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में निवेश करने से रोक दिया है, लेकिन उन्हें एंकर दौर में निवेश करने की अनुमति दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी।

यह कदम आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनियों के मूल्यांकन में नकदी बढ़ाने तथा पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है। सूत्र ने कहा, ”हमने म्युचुअल फंड योजनाओं से प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में निवेश नहीं करने बल्कि एंकर दौर में निवेश करने को कहा है।”

इस महीने की शुरुआत में सेबी ने आईपीओ में एंकर निवेशकों के लिए शेयर आवंटन ढांचे को नया रूप देने के लिए नियमों में संशोधन किया था। इसका मकसद म्युचुअल फंड, बीमा कंपनियों तथा पेंशन फंड जैसे घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना था।

इसके तहत नियामक ने एंकर हिस्से के कुल आरक्षण को पहले के 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया है। इसमें 33 प्रतिशत म्यूचुअल फंड्स के लिए तथा शेष सात प्रतिशत बीमाकर्ताओं तथा पेंशन फंड के लिए है। अगर बीमाकर्ताओं तथा पेंशन फंड के लिए आरक्षित सात प्रतिशत हिस्सा नहीं भरता है, तो उसे म्यूचुअल फंड को आवंटित कर दिया जाएगा।

इसके अलावा सूत्र ने बताया कि सेबी जल्द ही आईपीओ में अनिवार्य संक्षिप्त प्रॉस्पेक्टस (विवरण पुस्तिका) को एक मानकीकृत ‘पेशकश दस्तावेज सारांश’ से बदल देगा, ताकि सूचनाएं निवेशकों के अनुकूल बन सकें। वायदा-विकल्प कारोबार के संबंध में सूत्र ने कहा कि लोगों के एक वर्ग या खुदरा निवेशकों के ‘अतार्किक उत्साह’ के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है।

(PTI इनपुट के साथ)

First Published - November 21, 2025 | 7:28 PM IST

संबंधित पोस्ट