Mutual Funds Nov’25 AFMI Data: इक्विटी म्युचुअल फंड्स में नवंबर 2025 के दौरान निवेश बढ़कर 29,911 करोड़ रुपये हो गया। अक्टूबर में इन फंड्स में 24,690 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था। हालांकि, सालाना आधार पर देखें, तो इक्विटी फंड्स में निवेश 17 फीसदी घटा है। नवंबर 2024 में 35,943 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया था। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड् इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने फ्लेक्सी कैप और लार्ज एंड मिड कैप कैटेगरी में निवेशकों का रुझान बना हुआ है। दूसरी ओर, पिछले महीने डेट म्युचअल फंड्स से 25,692 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ। जबकि इस दौरान हाइब्रिड स्कीम में निवेशकों ने 13,299 करोड़ रुपये लगाए।
AMFI की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, म्युचुअल फंड्स का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) नवंबर 2025 में 80.80 लाख करोड़ हो गया। अक्टूबर में यह 79.87 लाख करोड़ रुपये था।
एम्फी के आंकड़ों पर VSRK कैपिटल के डायरेक्टर स्वप्निल अग्रवाल कहते हैं, नवंबर में इक्विटी म्युचुअल फंड इनफ्लो में महीने-दर-महीने 21% की बढ़ोतरी हुई। यह इनफ्लो फ्लेक्सी-कैप, लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में हुआ, जो कंजर्वेटिव और एग्रेसिव दोनों तरह के रिस्क लेने वाले निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का संकेत देता है।
अग्रवाल का कहना है, म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹80.5 लाख करोड़ को पार कर गया है, जो इक्विटी मार्केट में लगातार भरोसे को दिखाता है। यह उछाल भारत की लंबी अवधि की ग्रोथ क्षमता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। निवेशकों के लिए, अब SIP निवेश जारी रखने या बढ़ाने का सही समय लग रहा है, जिससे डाइवर्सिफिकेशन और अनुकूल मार्केट सेंटिमेंट का फायदा उठाकर लंबी अवधि में वेल्थ बनाई जा सके।
अबेकस म्युचुअल फंड के CEO वैभव चुघ का कहना है, टैरिफ या जियोपॉलिटिकल मुद्दों को छोड़कर, ज्यादातर नेगेटिव बातें अब पीछे छूट गई हैं। इनफ्लो से पता चलता है कि निवेशक भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के साथ ज्यादा जुड़ रहे हैं, जो इक्विटी मार्केट में दिखना चाहिए। साथ ही, हाल ही में GST में कटौती, पिछले एक साल में कम ब्याज दरें, आने वाला पे कमीशन और बेहतर लिक्विडिटी… ये सभी मार्केट के लिए अच्छे संकेत हैं।
उन्होंने कहा कि फ्लेक्सी कैप कैटेगरी में फ्लो जारी है क्योंकि ये फंड मार्केट कैप में बदलाव करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं, जिससे फंड मैनेजर मार्केट को कैसे देखते हैं, इसके आधार पर लार्ज कैप और SMID के बीच बैलेंस बनाने में सक्षम हैं।
इक्विटी म्युचुअल फंड्स में फ्लेक्सी कैप और लार्ज एंड मिड कैप कैटेगरी में निवेशकों का रुझान बना हुआ है। एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में फ्लेक्सी कैप कैटेगरी में सबसे ज्यादा 8,135 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ। अक्टूबर में यह निवेश 8,928 करोड़ रुपये था। लार्ज एंड मिड कैप फंड्स में निवेशकों ने 4,503 करोड़ रुपये (अक्टूबर में 3,177 करोड़) का निवेश किया।
इसके अलावा, मिडकैप फंड्स में 4,486 करोड़, स्मालकैप फंड्स में 4,406 करोड़, मल्टीकैप में 2,462.84 करोड़, लार्ज कैप में 1,639.80 करोड़ फोकस्ड फंड में 2,039 करोड़, सेक्टोरल फंड्स में 1,865 करोड़, और वैल्यू फंड्स में 1,219 करोड़ का इनफ्लो दर्ज किया गया। वहीं दूसरी ओर, ELSS से 570 करोड़ और डिविडेंड यील्ड फंड्स से 277.7 करोड़ रुपये का आउटफ्लो हुआ।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी का कहना है, नवंबर में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में धीमी लेकिन साफ रिकवरी देखने को मिली। इक्विटी फंड्स की ग्रॉस सेल्स बढ़कर 68 हजार करोड़ रुपये हो गई, जिससे अक्टूबर की गिरावट खत्म हो गई। हालांकि यह अभी भी सितंबर के पीक से कम है।
उनका कहना है कि फ्लेक्सी, मिड और स्मॉल कैप में मजबूत इनफ्लो के कारण नेट सेल्स 25.8 हजार करोड़ से बढ़कर 31 हजार करोड़ रुपये हो गई। सेक्टोरल/थीमैटिक ग्रॉस सेल्स में थोड़ी नरमी आई, क्योंकि अक्टूबर में NFO के चलते इसमें तेजी आई थी। नवंबर का कुल ट्रेंड रिस्क लेने की क्षमता में स्थिरता और कोर इक्विटी कैटेगरी में मजबूत, बड़े पैमाने पर नेट इनफ्लो को दिखाता है।
| इक्विटी म्युचुअल फंड कैटेगरी | इनफ्लो/आउटफ्लो (₹ करोड़ में) |
| मल्टीकैप फंड | 2,462.84 |
| लार्ज कैप फंड | 1,639.80 |
| लार्ज एंड मिड कैप | 4,503.31 |
| मिड कैप फंड | 4,486.91 |
| स्माल कैप फंड | 4,406.90 |
| डिविडेंड यील्ड फंड | -277.74 |
| वैल्यू फंड/कॉन्ट्रा फंड | 1,219.44 |
| फोकस्ड फंड | 2,039.73 |
| सेक्टोरल/थीमेटिक फंड | 1,864.99 |
| ELSS | -570.17 |
| फ्लेक्सी कैप फंड | 8,135.01 |
(सोर्स: AMFI)
मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के हेड (डिस्ट्रीब्यूशन और स्ट्रेटेजिक अलायंस) उरंजना बोरठाकुर का कहना है, नवंबर महीने में इक्विटी इनफ्लो में थोड़ी तेजी आई है, जिसमें फ्लेक्सी-कैप जैसी डाइवर्सिफाइड कैटेगरी में लगातार इनफ्लो का साथ मिला है, जिसमें लगातार दूसरे महीने स्थिर फ्लो देखा गया है। यह एक अच्छा ट्रेंड है, खासकर इसलिए क्योंकि साल की शुरुआत में फ्लो में तेजी ज्यादातर NFO एक्टिविटी और रीसेंसी बायस की वजह से थी। इक्विटी कैटेगरी में एक साल के रिटर्न में कमी आने के साथ, अब इनफ्लो ज्यादा बैलेंस्ड और कम सेंटीमेंट-ड्रिवन लग रहा है।
उन्होंने कहा कि मार्केट कैप के मामले में, मिड-और स्मॉल-कैप कैटेगरी में फ्लो पिछले महीने की तुलना में इस महीने थोड़ा बढ़ा है, जबकि लार्ज-कैप फंड्स में पिछले महीने तेज गिरावट के बाद अच्छी रिकवरी हुई है। हाइब्रिड कैटेगरी में तेजी जारी है। सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स में निवेशकों के तेजी से आने-जाने के कारण काफी बदलाव होता रहता है। यह चिंता का विषय बना हुआ है। ये कैटेगरी सैटेलाइट एलोकेशन के लिए ज्यादा बेहतर हैं और इन्हें सफल होने के लिए लंबे समय की जरूरत होती है। शॉर्ट-टर्म, टैक्टिकल एंट्री और एग्जिट से अक्सर अच्छे नतीजे नहीं मिलते हैं, और निवेशकों को एलोकेट करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता के साथ तालमेल बिठाना चाहिए।
यह भी पढ़ें: क्या हुआ लार्जकैप फंड्स को? 2025 में रिटर्न अचानक धड़ाम, जानें क्या कह रहे एक्सपर्ट
एम्फी के मुताबिक, नवंबर 2025 में डेट म्युचुअल पुंड्स से 25,692 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज किया गया। जबकि अक्टूबर में 1.59 लाख करोड़ रुपये का इनफ्लो दर्ज किया गया। पिछले महीने अधिकांश सब-केटेगरी पर निकासी का दबाव रहा। डेट कैटेगरी में सबसे ज्यादा आउटफ्लो ओवरनाइट फंड्स से 37,624 करोड़ का हुआ। लिक्विड फंड्स में भी 14,050 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई। जबकि कैटेगरी में सबसे ज्यादा इनफ्लो मनी मार्केट फंड्स में 11,104 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। इसके बाद अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स में भी निवेशकों ने 8,360 करोड़ रुपये झोंके।
एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने हाइग्रिड फंड्स में 13,299 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अक्टूबर में यह 14,156 करोड़ रुपये था। कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड्स को छोड़कर सभी कैटेगरी में निवेशकों ने खरीदारी की। मल्टी एसेट एलोकेशन फंड में 5,314.86 करोड़, आर्बिट्राज फंड में 4,191.91 करोड़, बैलेंस्ड हाइब्रिड में 1,385 करोड़, डायनेमिक एसेट एलोकेशन में 1,410 करोड़ और इक्विटी सेविंग्स स्कीम्स में 1,091 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखने को मिला।
आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में इंडेक्स फंड में 1,726.81 करोड़, गोल्ड ईटीएफ में 3,741.79 करोड़, अन्य ईटीएफ में 9,720.74 करोड़ और फंड ऑफ फंड्स ओवरसीज में 195.68 करोड़ का निवेश दर्ज किया गया। इस तरह अन्य कैटेगरी में कुल 15,385 करोड़ का इनफ्लो पिछले महीने आया। वहीं, सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम्स की बात करें, तो इस कैटेगरी में 320.03 करोड़ का निवेश आया। इसमें रिटायरमेंट फंड में 106.39 करोड़ और चिल्ड्रेन फंड में 213.64 करोड़ रुपये आए।