अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ एक्जीक्यूटिव प्रोग्राम पर केंद्रित वैश्विक शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) फर्म ‘एक्सईडी’ गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) के इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर (आईएफएससी) में आईपीओ के जरिए 1.2 करोड़ डॉलर जुटाने की तैयारी कर रही है। यह आईएफएससी में पहला आईपीओ होगा और कर-अनुकूल क्षेत्राधिकार देखने वाली कंपनियों के लिए आदर्श बन सकता है।
एक्सईडी के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी जॉन कल्लेलिल ने कहा कि गिफ्ट सिटी को उसके रणनीतिक महत्व के कारण चुना गया है क्योंकि कंपनी की भारत, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, सिंगापुर और अमेरिका में उपस्थिति है। उन्होंने जोर दिया कि गिफ्ट सिटी के जरिए उपलब्ध तरलता और पूंजी तक आसान पहुंच वैश्विक परिचालन वाली कंपनी के लिए महत्त्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, ‘गिफ्ट सिटी का विकल्प भारतीय शेयर बाजारों की तुलना में निवेश और निकासी को अधिक सुगम बनाता है, खासकर विदेश से आने-जाने वाली पूंजी के लिए। भारतीय बाजारों में आमतौर पर कर कटौती और नियामकीय बाधाएं होती हैं।’ आईपीओ में 24 लाख डॉलर के ऑफर फोर सेल के साथ-साथ नई इक्विटी भी शामिल होगी। इससे शुरुआती निवेशकों को आंशिक रूप से निकासी का अवसर मिलेगा।
एक्सईडी ने इससे पहले वर्ष 2022 में अपनी केवल 8 प्रतिशत इक्विटी बेची थी। इसे खरीदने वालों में क्रेड के संस्थापक और वेंचर कैपिटलिस्ट कुणाल शाह भी शामिल थे। कल्लेलिल ने कहा कि कंपनी ने बाजार में अस्थिरता और एडटेक क्षेत्र में किसी भी कीमत पर बढ़ोतरी की मानसिकता का हवाला देते हुए सोच-समझकर पारंपरिक वेंचर कैपिटल विकल्प से परहेज किया है।
उन्होंने कहा, ‘दुनिया भर के संस्थागत निवेशकों से मिली प्रतिक्रिया ‘शानदार’ रही है। यह कंपनी उन निवेशकों के साथ अच्छी तरह से जुड़ती है जो एक्जीक्यूटिव शिक्षा में हमारी विशिष्ट स्थिति और व्यावसायिक संचालन में हमारे दृष्टिकोण को महत्त्व देते हैं।’
कल्लेलिल ने बताया कि गिफ्ट सिटी में लिस्टिंग से भारतीय शेयर बाजारों की तुलना में विशेष लाभ मिलेगा जिसमें सरल प्रक्रिया, जवाबदेह नियामकीय व्यवस्था और वैश्विक बिजनेस मॉडल के अनुरूप बुनियादी ढांचा शामिल है।
कुछ प्रतिबंध अभी भी ब हैं, विशेष रूप से निवासी भारतीय निवेशकों द्वारा एक्सईडी के शेयर खरीदने या बेचने पर अभी रोक है क्योंकि गिफ्ट सिटी को एक ऑफशोर क्षेत्राधिकार माना जाता है। इस समय भागीदारी मुख्य रूप से विदेशी फंडों, विदेशी खुदरा निवेशकों, अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और गिफ्ट सिटी इकाइयों वाले घरेलू म्युचुअल फंडों तक सीमित है।
कंपनी को संस्थागत निवेशकों से अधिक भागीदारी की उम्मीद है। लेकिन उसने एनआरआई और विदेशी निवेशकों सहित खुदरा निवेशकों के लिए आईपीओ का 15-20 प्रतिशत आवंटित किया है। आईपीओ अक्टूबर के पहले सप्ताह में खुलने की उम्मीद है। कल्लेलिल ने कहा कि ठोस संस्थागत समर्थन के कारण तरलता की चिंता नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि आईएफएससी नियमों के तहत घरेलू आईपीओ के विपरीत पूरे 1.2 करोड़ डॉलर का सब्सक्रिप्शन जुटाना बेहतर है, लेकिन अनिवार्य नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सईडी के आईपीओ पर सबकी नजर है क्योंकि इससे अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को गिफ्ट सिटी में सूचीबद्ध होने के लिए प्रोत्साहन मिल सकता है।