नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) अपने आईपीओ की मंजूरी हासिल करने में फिर जुट गया है। उसने इस संबंध में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) हासिल करने के लिए आवेदन सौंप दिया है। मंगलवार को हुई एनएसई की सालाना आम बैठक में इसने शेयरधारकों को यह जानकारी दी।
इस महीने के शुरू में सेबी ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि एनएसई ने सूचीबद्धता के लिए एनओसी का कोई नया अनुरोध नहीं किया है। इसके बाद एसएसई की तरफ से एनओसी को लेकर यह स्पष्टीकरण आया है। दिल्ली उच्च न्यायालय में एनएसई के आईपीओ से संबंधित प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक रिट याचिका दायर की गई थी।
इसी के जवाब में बाजार नियामक ने अपना पक्ष रखा था। सेबी ने कहा कि एनएसई ने मई 2024 में उसके सवालों का जवाब दिया था मगर उसने (एनएसई ने) ‘एनओसी के लिए कोई स्पष्ट आग्रह’ नहीं किया था। आईपीओ को लेकर अनिश्चितता बनी रहने से विदेशी निवेशकों ने पिछले कुछ महीनों में गैर-सूचीबद्ध बाजार में एनएसई के शेयर की जमकर बिकवाली की है। उन्होंने जून और जुलाई में 3,500 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की।
अनलिस्टेडजोन पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार गैर-सूचीबद्ध बाजार में एनएसई का शेयर 6,200 रुपये पर कारोबार कर रहा है। अगस्त में इसका शेयर 3,600 रुपये में मिल रहा था। मई में इसका शेयर 6,500 रुपये पर पहुंच गया था मगर तब से इसमें लगातार कमी आई है।
एनएसई की आईपीओ योजना वर्ष 2016 से अटकी है जब उसने मसौदा विवरणिका (डीआरएचपी) सौंपी थी। सेबी ने 2019 में यह कहते हुए डीआरएचपी लौटा दी थी कि कोलोकेशन मामले का समाधान होने के बाद वह दोबारा आवेदन सौंपे तो बेहतर होगा।
एनएसई ने जून 2022 में एक बार फिर सूचीबद्धता की अनुमति मांगी थी। इसके जवाब में एक महीने बाद सेबी ने तकनीक, संचालन, निगरानी सहित अन्य मुद्दों का हवाला दिया था। पीपुल एक्टिविज्म फोरम की तरफ से दायर याचिका पर अगली सुनवाई दिसंबर में होगी। एनएसई ने पिछली तिमाही में बोनस निर्गम की घोषणा की थी जिस पर शेयरधारकों की अनुमति भी मिल गई है मगर सेबी की अनुमित अब भी मिलनी बाकी है।