बॉम्बे बर्मा ट्रेडिंग कॉरपोरेशन, उसके प्रवर्तकों नुस्ली वाडिया, उनके बेटे नेस वाडिया और जहांगीर वाडिया ने 14 अन्य संग बाजार नियामक सेबी के साथ तीन विनियमन के कथित उल्लंघन के मामले में मामले का निपटान कर दिया है और इसके लिए 2.13 करोड़ रुपये चुकाए। आदेश के बाद इस मामले में कार्यवाही पूरी हो गई। आदेश में कहा गया है कि वाडिया ने तथ्यों को स्वीकार या इनकार किए बिना मामले के निपटान के लिए आवेदन किया था।
निपटान की रकम की सिफारिश उच्चाधिकार प्राप्त सलाहकार समिति ने की थी और इसे पूर्णकालिक सदस्यों की समिति ने मंजूरी दे दी। आदेश में कहा गया है कि शेयरधारिता में बदलाव को लेकर डिस्क्लोजर और संबंधित पक्षकार के कथित लेनदेन में खामियां थीं।
बाजार नियामक ने कहा कि वॉलेस ब्रदर्स ट्रेडिंग ऐंड इंडस्ट्रियल को कंपनी का आम शेयरधारक बताया गया था, जबकि वह प्रवर्तक समूह का हिस्सा था। वॉलेस के पास बॉम्बे बर्मा की करीब 8.11 फीसदी हिस्सेदारी थी और उसे कंपनी के प्रवर्तक समूह के तौर पर नहीं बताया गया था। इसके अलावा वॉलेस को बॉम्बे बरमा के संबंधित पक्षकार के तौर पर नहीं दिखाया गया था, जो नियमन के लेखा मानकों के खिलाफ है।
प्रवर्तकों ने अप्रत्यक्ष रूप से दिसंबर 2014 में वॉलेस के जरिये 8.11 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था और उसके पास मौजूदा हिस्सेदारी 65.93 फीसदी थी। सेबी ने कहा कि 5 फीसदी की सीमा से ऊपर अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश लानी होती है, हालांकि मौजूदा बाजार भाव को देखते हुए अब खुली पेशकश शेयरधारकों के लिए फायदेमंद नहीं होगी।
बाजार नियामक ने कहा कि संबंधित नियमन के तहत खुलासे में 3,000 दिनों से ज्यादा की देर हुई। निपटान की कुल रकम में 31 लाख रुपये का भुगतान बॉम्बे बर्मा ने किया जबकि 34.7 लाख रुपये वॉलेस ने दिए।