कोलकाता में 31 वर्षीय प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध और डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा हल नहीं होने के कारण देशभर में तमाम रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशनों (आरडीए) की हड़ताल पिछले आठ दिन से जारी है। एम्स (दिल्ली) के डॉक्टरों ने सोमवार को विरोध स्वरूप निर्माण भवन में स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यालय के सामने सड़क पर ही ओपीडी सेवाएं प्रदान कीं। तमाम डॉक्टर अपने नाम और विशेषज्ञता – ऑर्थो ओपीडी, न्यूरोलॉजी ओपीडी, मनोचिकित्सा ओपीडी, पीएमआर आदि दर्शाने वाले कागज लेकर बैठे थे।
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने 24 घंटों के लिए हड़ताल की थी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने एवं कोलकाता की डॉक्टर की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। दूसरी ओर सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य से लगातार चौथे दिन पूछताछ की। सीबीआई का बड़ा सवाल यही था कि डॉक्टर की हत्या के बाद उनकी भूमिका क्या थी और पीडि़ता के परिजन को तीन घंटे इंतजार क्यों कराया गया।
नई दिल्ली में प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा, ‘हम चिकित्सक यहां आठ दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अब तक कुछ भी नहीं बदला है। हम रुकेंगे नहीं, केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) लागू होने तक हड़ताल जारी रहेगी।’
स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी अस्पतालों में सुरक्षा तैनाती में 25 प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति दी है। अधिकारियों ने बताया कि मानक सुरक्षा प्रोटोकॉल के अलावा, सरकारी अस्पतालों द्वारा सुरक्षा समीक्षा किए जाने के बाद उनकी मांग के आधार पर मार्शलों की तैनाती को भी मंजूरी दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी, जो अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए सुरक्षा और सुविधाओं के विभिन्न पहलुओं जैसे ड्यूटी रूम, काम के घंटे और स्थितियां तथा कैंटीन सेवाओं पर गौर करेगी। डॉक्टर के मामले में गुनहगारों को सजा देने और न्याय की मांग को लेकर वकीलों ने सोमवार को कोलकाता में जुलूस निकाला। पश्चिम बंगाल के पूर्व महाधिवक्ता जयंत मित्रा सहित कई वरिष्ठ वकील विरोध मार्च में शामिल हुए।