आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) योजना के तहत अस्पताल में भर्ती के मामले में दक्षिण भारत के राज्य आगे हैं। पीएमजेएवाई के आंकड़ों के अनुसार इसमें पांच शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में दक्षिण भारत के चार राज्य हैं।
यह योजना शुरू होने के बाद से 90.5 लाख अस्पताल भर्ती के साथ तमिलनाडु शीर्ष पर है। इसके बाद अस्पताल भर्ती में कर्नाटक (66 लाख), राजस्थान (57.4 लाख), केरल (54.6 लाख) और आंध्र प्रदेश (49.6 लाख) हैं।
दक्षिण भारत के राज्य अस्पताल में भर्ती करने के मामले में आगे तब हैं जबकि इनमें से कोई भी आयुष्मान भारत कार्ड को बनाने के मामले में शीर्ष पर नहीं हैं। दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा आयुष्मान भारत के कार्ड बनाने वाले राज्य कर्नाटक (1.75 करोड़) और आंध्र प्रदेश (1.56 करोड़) हैं और इनका राष्ट्रीय स्तर की सूची में क्रमश आठवां और नौवां स्थान है।
तेलंगाना इस योजना में साल 2021 में शामिल हुआ था और इस राज्य में आयुष्मान कार्ड की संख्या 82.9 लाख है। हालांकि तेलंगाना में आयुष्मान कार्ड की संख्या केरल (77 लाख कार्ड) और तमिलनाडु (75.4 लाख) से अधिक है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किए गए आंकड़े के मुताबिक पीएमजेएवाई के तहत अस्पताल भर्ती की सूची में शीर्ष पर तमिलनाडु और केरल हैं जबकि इस योजना के तहत इन दोनों राज्यों में बीते तीन वित्तीय वर्षों के दौरान अधिकृत अस्पताल भर्ती की संख्या में गिरावट आई है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड को मिले आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडु में अधिकृत अस्पताल भर्ती वित्त वर्ष 24 में गिरकर 10.5 लाख हो गई जबकि यह वित्त वर्ष 22 में 43.9 लाख थी। आंकड़ों के अनुसार केरल में पीएमजेएवाई में अस्पताल में भर्ती वित्त वर्ष 2022 के 16.9 लाख से गिरकर वित्त वर्ष 24 में 10.7 लाख तक आ गई। हालांकि, दक्षिण भारत के इन दो राज्यों के अलावा बाकी राज्यों में वृद्धि नजर आई।
पीएमजेएवाई के तहत आंध्र प्रदेश (वित्त वर्ष 22 के 11.3 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 18.4 लाख), कर्नाटक (वित्त वर्ष 22 के 10.8 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 32.1 लाख) और तेलंगाना (वित्त वर्ष 22 के 3.23 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 6.18 लाख) में अस्पताल भर्ती में क्रमिक वृद्धि हुई। तमिलनाडु और केरल में अस्पताल भर्ती की संख्या गिरने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग को सवाल भेजे गए थे लेकिन खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला।
पीएमजेएवाई डैशबोर्ड के आंकड़े के अनुसार उत्तर प्रदेश में 5.1 करोड़ आयुष्मान कार्ड बने होने के बावजूद इस योजना के तहत सिर्फ 28 लाख भर्ती हुई थी। इसी तरह अन्य अधिक कार्ड बनाने वाले राज्य मध्य प्रदेश (4.02 करोड़ कार्ड) और बिहार (3.56 करोड़ कार्ड) में क्रमश 33.5 लाख और 7.78 लाख भर्ती हुई थीं। बिहार में यह योजना तीन साल तक लंबित पड़ी रहने के बाद मार्च 2024 में नए नाम से शुरू किया था। अन्य राज्यों में कम भर्ती के आंकड़े के बार में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के डैशबोर्ड के उपलब्ध आंकड़े के अनुसार इस योजना के तहत अब तक 35.6 करोड़ नागरिक जुड़े हैं।
इन लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराया गया है और वे अस्पताल में दाखिल होने पर 5 लाख रुपये तक की नि:शुल्क चिकित्सा प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत अब तक 90,204 करोड़ रुपये मूल्य की 6.8 करोड़ भर्ती हुई हैं।