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In Parliament: ‘आम लोग है रेल्वे की प्राथमिकता, अगले 5 वर्षों में जुड़ेंगे 17,000 नए गैर-एसी कोच’

रेल मंत्री के अनुसार, रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1,250 जनरल कोच लंबी दूरी की ट्रेनों में शामिल किए।

Last Updated- July 30, 2025 | 5:31 PM IST
Railway Minister Ashwini Vaishnav in Parliament

भारतीय रेलवे ने गरीब और मध्यम वर्ग के यात्रियों को राहत देने के लिए एक बड़ी पहल की है। रेलवे अब गैर-एसी यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाओं से लैस, आधुनिक और सुरक्षित ‘अमृत भारत ट्रेनों’ को तेज़ी से बढ़ावा दे रहा है। ये ट्रेनें केवल किफायती ही नहीं होंगी, बल्कि इनमें अब विश्वस्तरीय सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। 

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय रेलवे ने आम जनता और मध्यम वर्ग के यात्रियों को ध्यान में रखते हुए गैर-एसी रेल यात्रा को पहले से कहीं अधिक आरामदायक, सुरक्षित और विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि वह सस्ते किराए के जरिए निम्न और मध्यम आय वर्ग के यात्रियों के लिए यात्रा को सुलभ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।अमृत भारत ट्रेनों के रूप में गैर-एसी यात्रा के अनुभव को पूरी तरह से बदला जा रहा है। इन ट्रेनों में आधुनिक सुविधाओं और उच्च सुरक्षा मानकों के साथ-साथ disabled-friendly कोच भी शामिल हैं।

रेल मंत्री के अनुसार, रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 में 1,250 जनरल कोच लंबी दूरी की ट्रेनों में शामिल किए। इससे यह स्पष्ट है कि रेलवे, जनरल और स्लीपर श्रेणी के यात्रियों की मांग को पूरा करने के लिए लगातार संसाधनों में वृद्धि कर रहा है।

कितने एसी- नॉन एसी कोच (2025):

श्रेणी कोच की संख्या प्रतिशत
गैर-एसी (जनरल + स्लीपर) ~57,200 ~70%
एसी ~25,000 ~30%
कुल कोच ~82,200 100%

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रेल्वे में कितनी एसी- कितनी नॉन एसी सीटें:

श्रेणी सीटें प्रतिशत
गैर-एसी ~54 लाख ~78%
एसी ~15 लाख ~22%
कुल ~69 लाख 100%

कोविड काल के बाद से जनरल/अनारक्षित श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है:

वर्ष यात्रियों की संख्या
2020-21 99 करोड़
2021-22 275 करोड़
2022-23 553 करोड़
2023-24 609 करोड़
2024-25 651 करोड़

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आम लोगों के लिए नॉन-एसी ‘अम़त भारत ट्रेन’ 

रेलवे ने अब तक 100 अमृत भारत ट्रेनों में से 14 ट्रेनें परिचालित कर दी हैं। ये ट्रेनें पूरी तरह गैर-एसी हैं और खास तौर पर आम जनमानस के लिए डिज़ाइन की गई हैं।

  • 11 जनरल कोच, 8 स्लीपर कोच, 1 पैंट्री, 2 गार्ड सह विकलांग अनुकूल कोच 
  • झटका-रहित सेमी-ऑटोमैटिक कपलर और क्रैश ट्यूब से लैस संरचना
  • सभी कोचों में CCTV, LED लाइट्स, USB Type-A और Type-C चार्जिंग पॉइंट
  • शौचालयों में एरोसोल अग्निशमन प्रणाली
  • EP ब्रेकिंग सिस्टम, बेहतर सीढ़ियां, वंदे भारत जैसी सीट डिजाइन
  • इमरजेंसी टॉक बैक सिस्टम और पूरी तरह बंद गैंगवे

रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि रेलवे अगले 5 वर्षों में 17,000 नए गैर-एसी कोच बनाएगा, जिससे जनरल और स्लीपर श्रेणी में यात्रा करने वालों को और अधिक सुविधा मिलेगी। मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में 22 कोचों में से 12 कोच जनरल/स्लीपर गैर-एसी और 8 कोच एसी होंगे। इसके अलावा, MEMU/EMU ट्रेनों के माध्यम से भी अनारक्षित यात्रियों को यात्रा का किफायती विकल्प मिल रहा है।

रेल मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि रेल किराया तय करते समय कई पहलुओं पर विचार किया जाता है – सेवा की लागत, मूल्य, सामाजिक आर्थिक स्थिति, प्रतिस्पर्धा और यात्रियों की भुगतान क्षमता। इसलिए रेलवे की प्राथमिकता है कि यात्रा आम आदमी के बजट में रहे।

भारतीय रेलवे की यह पहल दर्शाती है कि वह केवल उच्च वर्ग के लिए ही नहीं, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के लिए भी आधुनिक, सुरक्षित और किफायती यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘अमृत भारत’ और ‘नमो भारत’ सेवाएं भारत की सामाजिक-आर्थिक संरचना के अनुरूप, हर वर्ग को ध्यान में रखकर डिज़ाइन की गई हैं।

रेलवे मंत्री का कहना है कि किरायों का निर्धारण सेवा की लागत, मूल्य, सामाजिक-आर्थिक कारकों और अन्य परिवहन साधनों से प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर किया जाता है। ऐसे में आम जनता के लिए सुविधाजनक और सस्ती यात्रा विकल्प बनाए रखना भारतीय रेलवे की प्राथमिकता है। रेलवे ने हाल ही में नमो भारत रैपिड रेल सेवा भी शुरू की है, जो तेज़, सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से युक्त है।

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First Published - July 30, 2025 | 5:31 PM IST

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