एक स्वतंत्र साइबर सुरक्षा संस्था ने बुधवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर की हैकिंग से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को अनुमानतः 1.9 अरब पाउंड (2.55 अरब डॉलर) का नुकसान हुआ तथा 5,000 से ज्यादा संगठन प्रभावित हुए।
यह रिपोर्ट साइबर मॉनिटरिंग सेंटर द्वारा तैयार की गई है, जो एक स्वतंत्र व गैर-लाभकारी संगठन है और उद्योग विशेषज्ञों से बना है, जिसमें ब्रिटेन के राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा केंद्र के पूर्व प्रमुख शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि अगर वाहन निर्माता कंपनी में उत्पादन को अगस्त में हैकिंग से पहले के स्तर पर लाने में अप्रत्याशित देरी होती है तो नुकसान और अधिक हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, यह घटना ब्रिटेन में आर्थिक रूप से सबसे अधिक नुकसान वाली साइबर घटना लग रही है, जिसका अधिकांश वित्तीय प्रभाव जेएलआर और उसके आपूर्तिकर्ताओं के मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट में हुई हानि के कारण हुआ है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, जेएलआर नवंबर में अपने वित्तीय नतीजे घोषित करेगी। जेएलआर के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
हैकिंग के कारण लगभग छह हफ़्ते के बंद के बाद कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में विनिर्माण फिर से शुरू किया। इस लक्जरी कार निर्माता कंपनी के ब्रिटेन में तीन कारखाने हैं, जो मिलकर रोजाना करीब 1,000 कारों का उत्पादन करते हैं। यह घटना इस साल प्रमुख ब्रिटिश कंपनियों को प्रभावित करने वाली कई हाई-प्रोफाइल हैकिंग घटनाओं में से एक थी।
अप्रैल में एक हैकिंग के कारण दो महीने तक ऑनलाइन सेवाएं बंद रहने से रिटेलर मार्क्स ऐंड स्पेंसर को करीब 30 करोड़ पाउंड (करीब 40 करोड़ डॉलर) का नुकसान हुआ। जेएलआर (जिसके बारे में विश्लेषकों का अनुमान था कि शटडाउन के कारण उसे हर हफ्ते करीब 5 करोड़ पाउंड का नुकसान हो रहा है) को आपूर्तिकर्ताओं की सहायता के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा सितंबर के अंत में 1.5 अरब पाउंड की ऋण गारंटी दी गई थी।
सीएमसी (जो बीमा उद्योग द्वारा वित्त पोषित है और ब्रिटिश व्यवसायों को प्रभावित करने वाली प्रमुख साइबर सुरक्षा घटनाओं के वित्तीय प्रभाव को वर्गीकृत करता है) ने जेएलआर हैकिंग को पांच के पैमाने में से श्रेणी 3 प्रणालीगत घटना के रूप में स्थान दिया है।