कोविड महामारी के बाद कंपनियों का लाभ मांग में अत्यधिक उछाल आने के कारण बढ़ा। कंपनियों का वर्ष 2020-21 का 2.5 लाख करोड़ रुपये का लाभ वर्ष 2024-25 में बढ़कर 7.1 लाख करोड़ रुपये हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक के बुलेटिन में प्रकाशित शोध पत्र के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में खास तौर पर वृद्धि होने के कारण कंपनियों का शुद्ध लाभ मार्जिन में सुधार हुआ और यह वर्ष 2025-25 में दो अंकों के स्तर पर पहुंच गया।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019-20 में सुस्त निजी खपत के कारण घरेलू आर्थिक गतिविधियां सुस्त हो गई थीं और महामारी के दौरान स्थिति विकट होने के कारण बिक्री और लाभप्रदता में महत्त्वपूर्ण रूप से गिरावट आई। हालांकि राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों , महामारी के कारण दबी हुई मांग और प्रभावी लागत प्रबंधन से कॉरपोरेट क्षेत्र ने जोरदार वापसी की।
कोविड के बाद की अवधि के दौरान आईटी क्षेत्र की गतिविधियों में मंदी और उच्च वेतन खर्च के कारण शुद्ध लाभ मार्जिन में कमी आई। उधर गैर आईटी सेवा क्षेत्र का शुद्ध लाभ मार्जिन कोविड के बाद से नकारात्मक क्षेत्र में बना रहा, जो 2023-24 में सकारात्मक क्षेत्र में लौटा।
दूसरी ओर सकल स्तर पर परिचालन लाभ मार्जिन में अपेक्षाकृत कम उतार-चढ़ाव देखा गया। हालांकि गैर-आईटी क्षेत्र का परिचालन लाभ मार्जिन अस्थिर बना रहा और यह 2016-17 के 19.2 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 11.7 प्रतिशत हो गया। फिर वर्ष 2023-24 में बढ़कर 22.4 प्रतिशत हो गया। यह बड़े उद्यमों के लिए आमतौर पर मजबूत स्थिति थी। दरअसल, बड़े उद्योग लगातार मध्यम और छोटे उद्यमों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे। कंपनियों की बिक्री वृद्धि 2021-22 में 32.5 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो 2024-25 में 7.2 प्रतिशत पर सामान्य हो गई थी। यह तेजी से सुधार के चरण से स्थिर विकास में परिवर्तन को दर्शाती है।
विनिर्माण क्षेत्र ने स्थिर लाभ मार्जिन बनाए रखा जबकि गैर-आईटी सेवाओं ने शुरुआती अस्थिरता के बाद जोरदार वापसी की। आईटी क्षेत्र की वृद्धि पूरे अवधि के दौरान स्थिर थी।