माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के सीईओ सत्य नडेला की सालाना कमाई वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 96.5 मिलियन डॉलर (करीब ₹800 करोड़) हो गई है। यह अब तक का उनका सबसे बड़ा पैकेज है। कंपनी के बोर्ड ने कहा है कि यह बढ़ोतरी माइक्रोसॉफ्ट की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में मिली बड़ी सफलता का नतीजा है। बोर्ड की मुआवजा समिति ने शेयरधारकों को भेजे एक नोट में लिखा, “सत्य नडेला और उनकी टीम ने माइक्रोसॉफ्ट को इस पीढ़ी की तकनीकी क्रांति AI में एक लीडिंग कंपनी बना दिया है।”
कंपनी के अनुसार, नडेला की कुल कमाई का करीब 90 फीसदी हिस्सा शेयरों के रूप में है। उनकी बेस सैलरी 2.5 मिलियन डॉलर है। 2023-24 में उन्होंने 79.1 मिलियन डॉलर कमाए थे। नडेला 2014 में माइक्रोसॉफ्ट के तीसरे सीईओ बने थे।
नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट को क्लाउड कंप्यूटिंग की दिशा में आगे बढ़ाया। उन्होंने Azure को कंपनी की ताकत बनाया और GitHub, LinkedIn तथा Activision Blizzard जैसी कंपनियों के अधिग्रहण से सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग और गेमिंग सेक्टर में कंपनी की पकड़ मजबूत की।
नडेला के नेतृत्व में माइक्रोसॉफ्ट ने OpenAI में पहले 1 बिलियन डॉलर और फिर 10 बिलियन डॉलर का निवेश किया। OpenAI के ChatGPT की सफलता के बाद, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने लगभग सभी प्रोडक्ट्स में AI फीचर्स जोड़ दिए हैं।
हैदराबाद में जन्मे सत्य नडेला ने अपनी शुरुआती पढ़ाई के बाद मैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद नडेला ने सन माइक्रोसिस्टम्स में अपने करियर की शुरुआत की। वर्ष 1992 में वे माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े और कंपनी के Windows NT जैसे अहम प्रोजेक्ट पर काम किया। अपनी मेहनत और तकनीकी समझ के दम पर उन्होंने तेजी से ऊंचे पद हासिल किए और कंपनी के सर्वर और क्लाउड डिवीजन के प्रमुख बने। आखिरकार, 4 फरवरी 2014 को उन्हें माइक्रोसॉफ्ट का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) नियुक्त किया गया। इस तरह वे बिल गेट्स और स्टीव बाल्मर के बाद कंपनी का नेतृत्व संभालने वाले तीसरे सीईओ बने।