India-US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को दावा किया कि भारत के साथ व्यापार शुल्क (टैरिफ) को लेकर बातचीत “बेहद अच्छी तरह” से आगे बढ़ रही है। उन्होंने जल्द ही दोनों देशों के बीच समझौते होने की भी उम्मीद जताई। ट्रंप ने यह बयान मिशिगन में होने वाली एक रैली से पहले दिया। व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह भी बताया कि वह अफ्रीका दौरे की योजना बना रहे हैं और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ बातचीत करने वाले हैं।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मंगलवार (भारतीय समयानुसार) को भारतीय सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया कि केंद्र सरकार अमेरिका के साथ व्यापार समझौते में एक ऐसा ‘लुभावना प्रस्ताव’ (sweetener) शामिल करने जा रही है, जिससे यह समझौता भविष्य में भी सुरक्षित बना रहे। सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि किसी अन्य व्यापारिक साझेदार को इससे बेहतर शर्तें न मिलें। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब भारत सरकार ट्रंप प्रशासन के साथ जल्दी से जल्दी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रही है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार “फॉरवर्ड मोस्ट-फेवर्ड-नेशन” क्लॉज शामिल करने पर विचार कर रही है, जिसे पहले के व्यापार समझौतों में केंद्र सरकार ने बहुत कम ही मंजूरी दी है। इस क्लॉज के तहत अमेरिका को यह सुविधा मिलेगी कि अगर भारत भविष्य में किसी और देश को बेहतर टैरिफ शर्तें देता है, तो वे शर्तें अपने आप अमेरिका पर भी लागू हो जाएंगी।
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बीते मंगलवार को अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट (Scott Bessent) ने कहा कि भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर चल रही बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत उन पहले देशों में शामिल हो सकता है, जो अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर हस्ताक्षर करेगा।
इसी सेंटीमेंट को अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लुटनिक ने भी दोहराया। CNBC को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बिना ज्यादा जानकारी दिए बताया कि एक व्यापार समझौता पूरा हो चुका है, लेकिन अमेरिका अब भी उस देश के प्रधानमंत्री और उसकी संसद की मंजूरी का इंतजार कर रहा है। ट्रंप प्रशासन की कोशिश 90 दिनों की मोहलत से पहले भारत सहित अन्य देशों के साथ समझौते पूरा करने की है।
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डॉनल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को “जवाबी शुल्क” (Reciprocal Tariffs) लागू किए और भारत सहित कई देशों के लिए रियायती टैरिफ दरों की घोषणा की। भारत पर 26% टैरिफ लगाया गया, जबकि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 52% शुल्क लगाता है। हालांकि, 9 अप्रैल को बाजार में उथल-पुथल के बाद ट्रंप ने सभी जवाबी टैरिफ पर 90 दिनों की रोक (pause) लगाने की घोषणा की। लेकिन 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ पहले की तरह लागू रखा गया। यह रोक चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर लागू की गई है।
(एजेंसी के इनपुट के साथ)