अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बड़ा फैसला लिया है। ट्रंप प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) में विदेशी छात्रों (International Students) को दाखिला देने की क्वालिफिकेशन रद्द कर दी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की सचिव क्रिस्टी नोएम की तरफ से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को भेजे गए लेटर के हवाले से यह खबर दी है। नोएम ने लेटर में लिखा, ‘‘मैं आपको यह सूचित करने के लिए लिख रही हूं कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र और शैक्षणिक आदान-प्रदान के प्रवेश कार्यक्रम का प्रमाणन तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है।’’
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर में कहा गया है कि यह घटनाक्रम, यूनिवर्सिटी पर राष्ट्रपति के एजेंडे के अनुरूप चलने के लिए दबाव डालने के प्रशासन के प्रयासों के तहत उठाया गया एक बड़ा कदम है।
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हार्वर्ड इंटरनेशनल ऑफिस की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के दौरान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़ी सभी संस्थाओं में भारत से कुल 788 छात्र और स्कॉलर पढ़ाई या रिसर्च कार्य कर रहे हैं। हार्वर्ड ग्लोबल सपोर्ट सर्विसेज ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि हर साल लगभग 500 से 800 भारतीय छात्र और स्कॉलर हार्वर्ड में अध्ययन करते हैं।
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के एशियन अमेरिकन, नेटिव हवाईयन और पैसिफिक आइलैंडर (AANHPI) आयोग में सलाहकार रह चुके अजय भूटोरिया ने पीटीआई को एक बयान में कहा कि एक भारतीय-अमेरिकी के रूप में, जो समुदाय के लिए अवसर बढ़ाने और बाइडेन प्रशासन की आप्रवासन नीतियों का समर्थक रहा है, वह ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से बेहद आहत हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र हर साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 9 अरब डॉलर से अधिक का योगदान देते हैं और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करते हैं। ये छात्र अक्सर तकनीक, चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों में नवाचार के अग्रणी बनते हैं।