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महाराष्ट्र में पांच साल के लिए लागू होगी वाइन उद्योग प्रोत्साहन योजना, चढ़े कंपनियों के शेयर

राज्य में अंगूर उत्पादक किसानों को इसकी खेती करने, सूखे मेवे बनाने और वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई है।

Last Updated- January 05, 2024 | 7:18 PM IST
Wine industry promotion scheme will be implemented in Maharashtra for five years, shares of companies rose

राज्य में अंगूर उगाने वाले किसानों के लाभ के लिए वाइन उद्योग को बढ़ावा देने की योजना को पांच साल के लिए लागू करने का महाराष्ट्र सरकार ने निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से अंगूर उत्पादक किसान और वाइन कंपनियां फायदा होगा। जिसका असर बाजार में देखने को मिला। वाइन उत्पादक कंपनियों के शेयर में आज उछाल देखने को मिला।

जून 2020 में कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लगातार लॉकडाउन के मद्देनजर वित्तीय संकट को दूर करने के लिए योजना को अस्थायी रुप से रोक दिया गया था। इसे अब फिर से शुरू कर दिया गया है। वाइनरी पर 20 फीसदी वैट लगाया जाता है, जिसमें से 16 फीसदी वाइन उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत छूट के रुप में वापस कर दिया जाता है।

राज्य सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया कि यह योजना कोरोना के दौरान 2020-21 में यह योजना बंद कर दी गई। इस योजना में उद्यमियों ने वर्ष 2020-21, 2021-22 और 2022-23 में वैट का भुगतान किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की समाप्ति और योजना के बंद होने में बहुत कम समय बचा है, वैट निर्धारित 16 प्रतिशत की दर से वापस किया जाएगा।

राज्य में अंगूर उत्पादक किसानों को इसकी खेती करने, सूखे मेवे बनाने और वाइन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक उत्पाद तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना शुरू की गई है। चूंकि यह योजना राज्य में वाइन उद्योग के विकास के लिए भी उपयोगी होगी, इसलिए इस योजना को 5 वर्षों के लिए लागू करने का निर्णय लिया गया।

महाराष्ट्र देश में अंगूर का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। नासिक जिला इसका सबसे बड़ा अंगूर उत्पादन केंद्र है। महाराष्ट्र में देश का 70.67 फीसदी जबकि कर्नाटक में 24.49 फीसदी अंगूर का उत्पादन होता है । राज्य से बड़े पैमाने पर अंगूर दूसरे देशों में भी निर्यात किया जाता है।

इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के कारण महाराष्ट्र से अंगूर का निर्यात ठप है। गाजा के पास जहाजों पर हो रहे हमले के कारण शिपिंग कंपनियों ने भारत से यूरोपीय देशों को अंगूर का निर्यात रोक रखा है।

मौसम की मार और निर्यात बंद होने के कारण अंगूर उत्पादक किसान परेशान थे। अंगूर खराब होने का डर किसानों को सता रहा था। किसानों की तरफ से सरकार से लगातार मांग की जा रही थी कि वह कोई रास्ता निकाले।

सरकार के इस कदम से वाइन निर्माता कंपनियां बड़े पैमाने पर अंगूर की खरीद करेंगी जिससे वाइन कंपनियों के साथ किसानों को भी फायदा होगा।

First Published - January 5, 2024 | 7:18 PM IST

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