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पालघर में प्रस्तावित वधावन बंदरगार का विरोध शुरू, 7600 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रोजेक्ट की PM मोदी रखेंगे नींव

Vadhavan Port : पोत परिवहन मंत्रालय के मुताबिक वधावन बंदरगाह के विकास से 16,000-25,000 बीस-फ़ुट समकक्ष इकाइयों (टीईयू) क्षमता के कंटेनर जहाज़ों की आवाजाही संभव हो सकेगी।

Last Updated- February 22, 2024 | 7:48 PM IST
Protest against proposed Wadhawan port begins in Palghar, PM Modi will lay the foundation stone of the project worth more than Rs 7600 crore पालघर में प्रस्तावित वधावन बंदरगार का विरोध शुरू, 7600 करोड़ से ज्यादा की परियोजना की PM मोदी रखेंगे नींव

महाराष्ट्र के पालघर जिले में प्रस्तावित वधावन बंदरगाह परियोजना की शुरुआत होने की खबरों के साथ स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध शुरु कर दिया गया। करीब 7600 करोड़ से ज्यादा की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना की नींव इसी महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रख सकते हैं। जेएनपीटी बंदरगाह में भारी बोझ को देखते हुए इस बंदरगाह के निर्माण का प्रस्ताव सरकार ने मंजूर किया है।

वधवान बंदरगाह के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों और मछुआरों ने आज मुंबई-अहमदाबाद राजमार्ग पर रास्ता रोको प्रदर्शन किया, जिसके कारण घंटों तक यातायात बाधित रहा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परियोजना उनकी आजीविका के लिए खतरनाक होगी। वे राज्य सरकार तथा केंद्र के साथ बातचीत करना चाहते हैं ताकि उनकी चिंताओं को हल किया जा सके।

वधावन बंदरगाह विरोधी कृति समिति के अध्यक्ष नारायण पाटिल ने कहा कि स्थानीय लोग इस बंदरगाह के पूरी तरह खिलाफ हैं। सरकार स्थानीय लोगों द्वारा जताई जा रही चिंताओं के प्रति उदासीन है, विरोध के बावजूद इस परियोजना पर प्राधिकरण आगे रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को यह कार्यक्रम आयोजित न करने की चेतावनी दी, अन्यथा विरोध प्रदर्शन तेज किए जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पिछले सप्ताह जानकारी दी थी कि महाराष्ट्र के पालघर जिले में वधावन बंदरगाह को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी मिल गई है। पोत परिवहन मंत्रालय जल्द ही 76,220 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगेगा।

वधावन बंदरगाह को जेएनपीटी और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसे 13 फरवरी, 2020 को केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, जबकि संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को उसी वर्ष 7 अक्टूबर को मंजूरी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि सभी पर्यावरण कानूनों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा चार साल के अध्ययन के बाद, बंदरगाह परियोजना को 31 जुलाई, 2023 को दहानु तालुका पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण (डीटीईपीए) ने मंजूरी दी थी।

जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय सेठी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण इस परियोजना को कुछ समूहों द्वारा दुष्प्रचार का शिकार बनाया जा रहा है जो गलतफहमी पैदा कर रहे हैं। सेठी ने कहा कि भारतीय बंदरगाह अधिनियम के तहत वधावन एक प्रमुख बंदरगाह होगा। इस पर 76,220 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

कार्यान्वयन के लिए निवेश प्रस्ताव केंद्र सरकार के विचाराधीन है। बंदरगाह के निर्माण से तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान से जुड़े अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ सभी चर्चाएं की गई हैं।

जवाहरलाल नेहरु पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) का कहना है कि बंदरगाह निर्माण से क्षेत्र के लोग बेघर नहीं होंगे क्योंकि उचित मुआवजे के साथ केवल सीमित जमीन का ही अधिग्रहण किया जाएगा। यह क्षेत्र के लोगों के जीवन को बदलने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

दहानू और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच स्थित वधावन बंदरगाह भारत का 13वां प्रमुख बंदरगाह होगा । यह महाराष्ट्र का तीसरा प्रमुख बंदरगाह होगा। यह एक गहरे पानी का बंदरगाह है।

पोत परिवहन मंत्रालय के मुताबिक वधावन बंदरगाह के विकास से 16,000-25,000 बीस-फ़ुट समकक्ष इकाइयों (टीईयू) क्षमता के कंटेनर जहाज़ों की आवाजाही संभव हो सकेगी।

First Published - February 22, 2024 | 7:48 PM IST

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