महाराष्ट्र में लोक सभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। महाविकास आघाड़ी (MVA) के घटक दलों के बीच महाराष्ट्र में सीट बांटवारे का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। तो दूसरी ओर महायुत्ति में भी लगभग सीटें तय हो चुकी है शायद इसीलिए भाजपा ने चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही अपने पर्यवेक्षकों की लिस्ट जारी कर दी है।
MVA घटक दलों के बीच हुए सीट बांटवारे के मुताबिक 48 सीटों में से 21 सीट पर शिवसेना यूबीटी लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 15 सीट, एनसीपी शरद पवार नौ सीटें पर लड़ेगी। जबकि प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी को 2 सीटें और राजू शेट्टी के स्वाभिमानी पक्ष एक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
सीट बांटवारे की अधिकारी घोषणा पांच मार्च को किया जा सकता है। मुंबई की छह में से चार सीटों पर शिवसेना यूबीटी चुनाव लड़ेगी। जिस सीट पर जिस पार्टी के सांसद हैं, वो सीट उसी पार्टी के पास रहेगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार के हिस्से में शिरूर, सतारा, माधा, बारामती, जलगांव, रावेर, डिंडोरी, बीड और अहमदनगर की सीट रहने की संभावना है। कुछ सीटों पर अभी फैसला होना बाकि है जिसका फैसला दिल्ली में बड़े नेताओं की मौजूदगी में किया जाएगा। रामटेक, हिंगोली, जालना, मुंबई उत्तर पश्चिम, मुंबई दक्षिण मध्य, शिरडी और भिवंडी सीटों में अभी फैसला नहीं हो सका है।
भाजपा लोक सभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने की योजना बनाना शुरु कर दिया है। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही बीजेपी ने अपने पर्यवेक्षकों की लिस्ट जारी कर दी है, ताकि वे लोग चुनावी तैयारियों की समीक्षा कर सकें और जीत का प्लान बना सकें।
भाजपा महाराष्ट्र की 23 लोक सभा सीटों के लिए चुनाव पर्यवेक्षकों की लिस्ट जारी है। इसमें विभिन्न विधायक, मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। उत्तर मुंबई लोकसभा क्षेत्र की प्रभारी पंकजा मुंडे, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन उत्तर पूर्व, वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार बीड निर्वाचन का पर्यवेक्षक बनाया है।
महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) और महायुति के बीच मुकाबल है। एमवीए में मुख्य रुप से कांग्रेस, शिवसेना यूबीबी और एनसीपी शरदचंद्र पवार पार्टी है जबकि महायुति में भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजीत) शामिल है।
महाराष्ट्र में इस साल का लोक सभा चुनाव काफी कड़ा होने वाला है, जिसमें दो गुटों में बंटी एनसीपी और शिवसेना पहली बार एक-दूसरे से लड़ने के लिए तैयार हैं। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 48 लोकसभा सीटें हैं। पिछली बार हुए शिवसेना – भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। भाजपा 25 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें से 23 पर उसे जीत मिली, जबकि शिवसेना 18 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।