MP Digital Crop Survey: मध्य प्रदेश सरकार अगले महीने यानी 1 अगस्त से पूरे राज्य में फसलों के सर्वेक्षण का डिजिटल काम शुरू करने जा रही है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के युवाओं को चुना है। डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार स्थानीय युवाओं का चुनाव करेगी और उन्हें फोटो खींचकर अपलोड करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
मध्य प्रदेश सरकार 45 दिन के अंदर डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण का काम पूरा करेगी। सर्वे 1 अगस्त से शुरू होगा और 15 सितंबर तक चलेगा। फसल के गिरदावरी में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे के के पूरा होने के बाद किसानों को कई तरह के लाभ होंगे।
डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने युवाओं को चुना है। सरकार पहले इन युवाओं को ट्रेनिंग प्रदान करेगी। उसके बाद सर्वे के लिए मैदान में उतारेगी। सर्वे करने वाले युवा पार्सल तकनीक के जरिए खेतों में बोई जाने वाली फसल की फोटो खींचकर संबंधित पोर्टल पर अपलोड करेंगे। सर्वे करने के लिए चुने गए युवा को प्रति सर्वे फसल के लिए 14 रुपए तक की राशि मिलेगी। तहसीलदार द्वारा वेरिफिकेशन के बाद आधार से लिंक बैंक अकाउंट में यह राशि डाली जाएगी।
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इस पहल से किसानों को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिलेंगे। किसानों को अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से अपनी गिरदावरी तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह फसल के नुकसान की स्थिति में तुरंत बीमा भुगतान सुनिश्चित करता है और किसान क्रेडिट कार्ड तेजी से प्राप्त करने की सुविधा भी प्रदान करता है।
इस प्रणाली के माध्यम से किसान अपनी भूमि के रिकॉर्ड की समीक्षा कर सकेंगे और आवश्यकतानुसार आपत्ति उठा सकेंगे। नई तकनीक के एकीकरण के साथ, परियोजना का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिससे गांव की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित हो सके। इसके अतिरिक्त, सैटेलाइट इमेजरी संभावित फसलों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी, जिससे तुलनात्मक विश्लेषण संभव हो सकेगा।