Delhi Floods:पिछले साल बाढ़ के कारण दिल्ली वालों की हालत खराब हो गई थी। इस साल ऐसा न हो, इसके लिए दिल्ली सरकार यमुना में बाढ़ की स्थितियों से निपटने की तैयारी में जुट गई है। दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आज इन तैयारियों का जायजा लिया।
पिछले साल ITO स्थित यमुना के बैराज के कारण बाढ़ आई थी। मंत्री भारद्वाज इस बैराज की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बैराज पर चल रहे काम की संपूर्ण जानकारी मंत्री भारद्वाज के समक्ष रखी। इस बार दिल्ली सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने समस्या से निपटने के लिए हरियाणा सरकार के साथ तालमेल करके सारी तैयारियां की है। मशीनों के द्वारा बैराज के आसपास से बड़ी मात्रा में जमा मिट्टी को हटा दिया गया है और सभी बैराजों को खोल दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कुछ बैराज जो नहीं खुल पा रहे थे उनको काटकर अलग हटा दिया गया है ताकि पानी के प्रवाह में किसी प्रकार की कोई रुकावट न आए।
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एक नई तकनीक की जानकारी देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस बार यमुना में पानी इकट्ठा ना हो और बाढ़ की स्थिति पैदा ना हो उससे निपटने के लिए पहली बार एक प्रयोग दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा किया गया है। इस प्रयोग को पायलट कट कहा जाता है।
इस प्रयोग के तहत बैराज के आसपास वर्षों से जमा मिट्टी को ठीक बैराज के सामने से खोदते हुए दूर तक छोटी-छोटी नहरें बना दी जाती हैं। इस कार्य को करने में यमुना में बनाई गई कृत्रिम नहरों के बीच में वर्षों से जमा मिट्टी के छोटे छोटे टापू बन जाते हैं और जब पीछे से बारिश का पानी हरियाणा की तरफ से छोड़ा जाएगा, तो वह तेज बहाव के साथ इन कृत्रिम नहरों से होते हुए आगे निकलेगा और उसके बहाव के साथ बीच-बीच में बने मिट्टी के इन टापू से बहकर आगे निकल जाएंगे।
इस प्रक्रिया के माध्यम से यमुना में पानी के रुकने की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी और बाढ़ की सभी संभावनाएं भी समाप्त हो जाएंगी। रेगुलेटर टूटने से आने वाली बाढ़ को रोकने के लिए सारे रेगुलेटरों की अच्छी तरीके से मरम्मत भी कर दी गई है।