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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वोडाफोन आइडिया को एजीआर मसले पर ‘दीर्घावधि समाधान’ की उम्मीद

दूरसंचार कंपनी द्वारा नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए 20 वर्षों में वित्त वर्ष 2044 तक देय आस्थगित भुगतान संबं​धित रकम 2.01 लाख करोड़ रुपये है

Last Updated- November 11, 2025 | 11:13 PM IST
Voda Idea

वोडाफोन आइडिया (वी) ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दूरसंचार विभाग को वित्त वर्ष 2017 तक के सभी देय समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधित बकाया का पुनर्मूल्यांकन करने की अनुमति दिए जाने के बाद उसे सरकार से ‘दीर्घाव​धि समाधान’ की उम्मीद है। वी के एक प्रमुख अधिकारी ने यह बात कही है।

नए नियुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिजीत किशोर ने मंगलवार को सितंबर 2025 में समाप्त तिमाही के लिए अर्निंग कॉल में विश्लेषकों से कहा, ‘हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हैं और हमें पूरी उम्मीद है कि सरकार 49 प्रतिशत हिस्सेदार (शेयरधारक) होने के नाते, एक दीर्घकालिक समाधान पर विचार करेगी तथा हम दूरसंचार विभाग (डीओटी) के साथ संपर्क में हैं।’

उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय यह नहीं बता सकता कि यह मामला कब तक सुलझ जाएगा, लेकिन सरकार ने बहुत मदद की है और हमें पूरी उम्मीद है कि यह जल्द से जल्द हल हो जाएगा।’ किशोर पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत के आदेश के बाद अपेक्षित समाधान की संभावित समय-सीमा पर सवालों का जवाब दे रहे थे।

अदालत ने सरकार को अतिरिक्त एजीआर मांग के संदर्भ में पुनर्विचार करने और उचित निर्णय लेने की अनुमति दी, साथ ही वित्त वर्ष 2016-17 तक ब्याज और दंड सहित सभी एजीआर बकाया का व्यापक रूप से पुनर्मूल्यांकन और समाधान करने की अनुमति दी। किशोर ने कहा, ‘हम इस मामले पर आगे की कार्रवाई के लिए दूरसंचार विभाग के साथ बातचीत कर रहे हैं।’

मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि सितंबर 2025 तक बकाया एजीआर 79,500 करोड़ रुपये था। वोडाफोन आइडिया के सितंबर तिमाही के नतीजों के अनुसार उसे मार्च 2026 तक 16,428 करोड़ रुपये की एजीआर किस्त का भुगतान करना है, जो डीओटी द्वारा वित्त वर्ष 2017 तक ब्याज और जुर्माने सहित एजीआर बकाया के पुनर्मूल्यांकन या पुन: आकलन के अधीन है।

दूरसंचार कंपनी द्वारा नीलामी में खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए 20 वर्षों में वित्त वर्ष 2044 तक देय आस्थगित भुगतान संबं​धित रकम (साथ ही एजीआर बकाया जो 2031 तक चुकाए जाने हैं) 2.01 लाख करोड़ रुपये है।

किशोर ने कहा कि सरकार ने ‘स्पष्ट रूप से’ यह कह दिया है कि भारतीय परिदृश्य में तीन प्राइवेट कंपनियों की आवश्यकता है और एजीआर मुद्दे का समाधान बैंकों से धन जुटाने की योजनाओं पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

उन्होंने कहा, ‘हम ऐसे समाधान पर ध्यान दे रहे हैं जो हमारी नजर में सरकार की ओर से सबसे अच्छा होगा और हमें लगता है कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश हाल में आया है, इसलिए बैंकों की दीर्घाव​धि फंडिंग को देखते समय इस पर थोड़ी निर्भरता रहेगी।’

तीसरे नंबर की दूरसंचार कंपनी ने 5जी शुरू करने और अपने 4जी कवरेज का विस्तार करने के लिए अगले तीन से पांच वर्षों के लिए 2024 में 50,000-55,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की रूपरेखा तैयार की थी। इस राशि में से 25,000 करोड़ रुपये बैंक फंडिंग से आएंगे, हालांकि, एजीआर मुद्दे पर स्पष्टता की कमी के कारण दूरसंचार कंपनी को यह फंडिंग हासिल करने में देरी हो रही थी। उसने पूंजी जुटाने के लिए कई गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के साथ भी चर्चा की थी।

मौजूदा वित्त वर्ष के लिए दूरसंचार कंपनी ने 7,500-8,000 करोड़ रुपये के कुल पूंजीगत खर्च की योजना तैयार की है।

First Published - November 11, 2025 | 10:23 PM IST

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