एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेंकट एन चलसानी ने मंगलवार को कहा कि उद्योग द्वारा फरवरी 2025 में शुरू की गई छोटी एसआईपी पहल में तकनीकी मसलों के कारण फंड हाउस की रुचि सीमित रही है।
नियामक ने हितधारकों के साथ मिलकर छोटे आकार के एसआईपी के लिए एक रियायती लागत संरचना तैयार की है ताकि फंड हाउस ऐसे छोटे आकार वाले निवेश को स्वीकार कर सकें। वर्तमान में, कई मध्यम और छोटे आकार के फंड हाउस छोटे आकार वाले एसआईपी की पेशकश नहीं करते हैं।
मौजूदा नियमों के अनुसार, कम लागत सिर्फ पहले तीन फंड हाउसों के लिए उपलब्ध है, जिनके साथ निवेशक छोटी एसआईपी श्रेणी के तहत एसआईपी पंजीकृत करता है। चलसानी के अनुसार, इस प्रणाली की समस्या यह है कि वास्तविक समय में निवेशक के पैन से जुड़े फंड हाउसों की संख्या का पता लगाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि समस्या सुलझने के बाद फंड हाउस इसे अपनाने में तेज़ी लाएंगे। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि हमने इसे शुरू नहीं किया है, लेकिन तकनीकी समस्या ठीक होने के बाद ही इसमें तेजी आएगी।