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अक्टूबर में इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश निचले स्तर पर आया, SIP और गोल्ड ईटीएफ ने बाजार में स्थिरता कायम रखी

एसआईएफ में निवेश 19,529 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर, एयूएम करीब 80 लाख करोड़ रुपये पर

Last Updated- November 11, 2025 | 9:59 PM IST
Mutual Fund

इक्विटी म्युचुअल फंडों में लगातार तीसरे महीने अक्टूबर में भी निवेश घटा। महीने के दौरान निवेश मासिक आधार पर 19 फीसदी की गिरावट के साथ 24,690 करोड़ रुपये रह गया। उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि इस गिरावट का कारण शेयर बाजार में तीव्र बढ़ोतरी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली करना रहा है। बाजार की तेजी ने बेंचमार्क सूचकांकों को रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब पहुंचा दिया। हालांकि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) ने इस रुख को पलट दिया और वहां निवेश बढ़कर 29,529 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के शोध प्रमुख हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, शुद्ध निवेश में नरमी की वजह निवेशकों की मुनाफावसूली हो सकती है क्योंकि शेयर बाजार में खासी तेजी आई थी और त्योहारी सीजन भी था। हालांकि निवेश की रफ्तार नरम हुई, लेकिन इक्विटी में निवेश को लेकर निवेशकों का रुझान स्थिर बना रहा।

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार शुद्ध निवेश में गिरावट की वजह नए निवेश में चार फीसदी की कमी और निवेश निकासी में 8 फीसदी की उछाल रही।

इक्विटी फंडों की ज्यादातर श्रेणियों में हालांकि निवेश घटा, लेकिन फ्लेक्सीकैप फंडों के संग्रह में उछाल आई। सबसे बड़ा इक्विटी फंड बनने की कगार पर पहुंची इस श्रेमी में अक्टूबर में करीब 9,000 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो सितंबर में 7,000 करोड़ रुपये था। इस निवेश को 1,684 करोड़ रुपये के एनएफओ संग्रह से सहारा मिला।

संस्थागत निवेश और कम जोखिम वाले फंडों और परिसंपत्ति आवंटन योजनाओं को लेकर निवेशकों की प्राथमिकता के चलते डेट और हाइब्रिड फंडों में पिछले महीने निवेश बढ़ा। डेट फंडों में अक्टूबर में 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया जबकि सितंबर में 1 लाख करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। हाइब्रिड फंडों में निवेश करीब 50 फीसदी बढ़कर 14,156 करोड़ रुपये पहुंच गया।

मिरे ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया की प्रमुख (वितरण व रणनीतिक गठजोड़) सुरंजना बड़ठाकुर ने कहा, हाइब्रिड फंड, खास तौर से आर्बिट्रेज रणनीति में फिर से रुचि दिख रही है क्योंकि निवेशक भविष्य में इक्विटी में निवेश के लिए अपनी रकम चतुराई से लगाने पर विचार कर रहे हैं। दूसरी श्रेणी मल्टी ऐसेट है, जहां शुद्ध निवेश में बढ़ोतरी जारी रही। पैसिव सेगमेंट मजबूत बना रहा और इंडेक्स फंडों में निवेश 22 फीसदी बढ़ा।

पैसिव फंडों ने कुल मिलाकर 16,668 करोड़ रुपये जुटाए। इनमें से अधिकांश निवेश सोने और चांदी के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में पहुंचा।

सितंबर में 8,363 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड निवेश के बाद अक्टूबर में भी गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी बनी रही और 7,743 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक नेहल मेश्राम ने कहा, यह निरंतर गति भू-राजनीतिक जोखिमों, वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और प्रमुख केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों को लेकर अनिश्चितता के बीच, सुरक्षित निवेश और पोर्टफोलियो में विविधता के विकल्प के रूप में सोने के प्रति निवेशकों की निरंतर पसंद को दर्शाती है।
चुनिंदा क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि और इक्विटी फंडों में मार्क-टु-मार्केट लाभ ने उद्योग की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

एम्फी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेंकट एन चलसानी ने कहा, मजबूत खुदरा भागीदारी और 9.45 करोड़ से अधिक खातों से 29,529 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड एसआईपी निवेश के बल पर अक्टूबर में एयूएम 79.9 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इक्विटी निवेश 24,690 करोड़ रुपये पर मजबूत रहा, जो सकारात्मक निवेश का लगातार 56वां महीना है।

First Published - November 11, 2025 | 9:52 PM IST

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