यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम वी नायर ने कहा कि ऊंची ब्याज दरों और क्रेडिट ग्रोथ में धीरे धीरे होने वाली गिरावट की वजह से यूबीआई के पहली तिमाही के परिणामों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अनुमान है कि पहली तिमाही में क्रेडिट ग्रोथ गिरकर 19 […]
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वेंचर कैपिटल(वीसी) फर्मों ने जून 2008 को खत्म हुई तिमाही में भारत में 26 सौदों के जरिए कुल 15.8 करोड़ डॉलर का निवेश किया। वीसी फर्म जारी वर्ष 2008 के पहले छह महीनों में अब तक 51 सौदों में कुल 34 करोड़ डॉलर का निवेश कर चुके हैं। वर्ष 2007 की पहली छमाही में इन […]
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भारतीय जीवन बीमा निगम आईएफसीआई में अपनी हिस्सेदारी 11.35 फीसदी से घटाकर 8.39 फीसदी करने के लिए इक्विटी शेयर को वैकल्पिक परिवर्तनीय उधारपत्र (ओसीडी) में फिर से बदलेगा। पिछले साल आईएफसीआई ने रणनीतिक निवेश प्रवेशन प्रक्रिया के तहत एलआईसी के उधार पत्रों को इक्विटी शेयर में बदल दिया था। इससे वह शेयर के आवंटन के […]
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बैंक ऑफ राजस्थान 31 मार्च 2009 तक प्रोमोटरों के शेयरहोल्डिंग को मौजूदा 37 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की तैयारी कर रहा है। बैंक यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के तहत उठा रहा है। इस कदम से बैंक ऑफ राजस्थान अपने विकास योजनाओं और बेसल 2 के मानकों को पूरा करने के […]
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बीमा कंपनियां अब दलाल स्ट्रीट में भी बड़ी खिलाडी बनकर उभरी है। अकेले भारतीय जीवन बीमा निगम ने ही वित्त्तीय वर्ष 2008-09 के दौरान 13,000 करोड़ रुपयों का निवेश किया । इसी समय के दौरान आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने 2,000 करोड़ रुपयों का निवेश किया। प्रतिभूति एवं विनियामक आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पहली तिमाही में […]
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समाजवादी पार्टी यूपीए सरकार को समर्थन दे रही है, पर इसके बदले वह अपने निजी हितों को साधने से नहीं चूकेगी। मौजूदा माहौल में कुछ कंपनियों को लाभ पहुंच सकता है। एक अच्छा निवेशक चाहे तो सोच समझकर ऐसी कंपनियों में निवेश कर मौके का फायदा उठा सकता है। वर्तमान में जो राजनीतिक समीकरण बन […]
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कई वर्षों से बैंक चाह कर भी अपने ग्राहकों की कर्ज पाने की योग्यता का सही आकलन नहीं कर पा रहे थे। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में चीजें बेहतरी की ओर बदल रही हैं। ऋणदाता अब सिबिल (क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड) की ओर से मुहैया कराए जाने वाले आपके कर्ज के पूरे ब्योरे से […]
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बढ़ती ब्याज दरों का असर हर कर्ज लेनदार पर पड़ रहा है। और यहां तक कि निवेशक भी इसे अलग नहीं हैं, क्योंकि निरंतर बढ़ती ब्याज दर का मतलब है कि उन्हें अब अधिक रिटर्न कमाना होगा, ताकि उनका मूल रिटर्न महंगाई के दौर में भी बना रहे। ऊंची ब्याज दरों में महंगाई की ऊंची […]
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महज कुछ तिमाही पहले ही भारतीय कार्पोरेट जगत अपने सुनहरे दौर से रूबरू हो रहा था। लेकिन वक्त तेजी से बदल चुका है और भारतीय कंपनियों पर बदहाली की मार पड़ रही है। ज्यादा समय नहीं बीता जब जबरदस्त मांग और मुनाफे में इजाफे की वजह से बिक्री बढ़ रही थी और भारतीय कंपनियां जमकर […]
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इंजीनियरिंग और निर्माण उद्योग अर्थव्यवस्था के विकास से नजदीकी से जुड़ा हुआ है और विशेषकर विकासशील देशों में तो इसका खास महत्व है क्योंकि इन देशों में बुनियादी संरचना पर विशेष ध्यान दिया जाता है। भारत भी कई साल से अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार की वजह से विकास की ओर अग्रसर है। भारत ने भी […]
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