म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में SIP आज भारतीय निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद और पसंदीदा निवेश विकल्प बन चुका है। पिछले एक दशक में इसका क्रेज लगातार बढ़ता ही गया है। मंथली इन्वेस्टमेंट के इस आसान तरीके ने न सिर्फ छोटे निवेशकों को फाइनेंशियल डिसिप्लिन सिखाया है, बल्कि उन्हें लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न कमाने का मौका भी दिया है। यही वजह है कि बाजार में कभी तेजी रही हो या फिर गिरावट का माहौल, निवेशक SIP के जरिए लगातार योगदान करते रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में भारी उतार-चढ़ाव और ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद अगस्त 2025 में SIP निवेश ने एक नया कीर्तिमान (पिछले 10 साल में अगस्त महीने में) बना दिया। इस महीने कुल SIP योगदान रिकॉर्ड स्तर पर 28,265 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछले 10 सालों का सबसे ऊंचा स्तर है।
WhiteOak Capital Mutual Fund की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2016 से अगस्त 2025 तक SIP के जरिए निवेश में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय निवेशक अब शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग की बजाय लॉन्ग टर्म निवेश और व्यवस्थित तरीके से वेल्थ क्रिएशन पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।
साल (अगस्त) | SIP योगदान (₹ करोड़) |
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2016 | 3,497 |
2017 | 5,206 |
2018 | 7,658 |
2019 | 8,231 |
2020 | 7,792 |
2021 | 9,923 |
2022 | 12,693 |
2023 | 15,814 |
2024 | 23,547 |
2025 | 28,265 |
आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2016 में SIP योगदान केवल 3,497 करोड़ रुपये था, जो हर साल लगातार बढ़ता गया। अगस्त 2017 में यह बढ़कर 5,206 करोड़ रुपये हो गया और अगस्त 2018 में 7,658 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसके बाद 2019 और 2020 में यह क्रमशः 8,231 करोड़ रुपये और 7,792 करोड़ रुपये रहा। अगस्त 2021 से इसमें तेजी आई और SIP योगदान 9,923 करोड़ रुपये हो गया। अगस्त 2022 में यह बढ़कर 12,693 करोड़ रुपये, अगस्त 2023 में 15,814 करोड़ रुपये और अगस्त 2024 में 23,547 करोड़ रुपये पहुंच गया। सबसे बड़ा उछाल अगस्त 2025 में देखने को मिला, जब SIP योगदान रिकॉर्ड स्तर पर 28,265 करोड़ रुपये हो गया।
स्टडी ने यह साफ किया है कि SIP में निवेश की सबसे बढ़िया कुल अवधि यानी Ideal Investment Horizon क्या हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि शेयर बाजार (Equities) शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव दिखा सकता है, लेकिन जैसे-जैसे निवेश की अवधि बढ़ती है (3 साल से लेकर 15 साल तक), उतार-चढ़ाव कम होता है और अच्छे रिटर्न पाने की संभावना बढ़ जाती है।
BSE SENSEX TRI के आंकड़ों पर आधारित इस स्टडी में यह दिखाया गया कि:
अगर 3 साल की अवधि देखें तो SIP में अधिकतम रिटर्न 55.6% और न्यूनतम -24.6% रहा है, जबकि औसतन 15.7% का रिटर्न मिला है। 5 साल की अवधि में अधिकतम रिटर्न 50% और न्यूनतम -9.5% रहा, और औसत 15.2% मिला। वहीं 8 साल पर रिटर्न की स्थिति और स्थिर दिखती है, जहां न्यूनतम 3% और औसतन 16.1% मिला।
SIP अवधि | अधिकतम रिटर्न | न्यूनतम रिटर्न | औसत रिटर्न | मीडियन रिटर्न | % समय पॉजिटिव रिटर्न | % समय 8% से ज्यादा | % समय 10% से ज्यादा | % समय 12% से ज्यादा |
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3 साल | 55.6% | -24.6% | 15.7% | 14.9% | 88% | 73% | 66% | 59% |
5 साल | 50.0% | -9.5% | 15.2% | 14.0% | 91% | 82% | 74% | 61% |
8 साल | 36.0% | 3.0% | 16.1% | 14.1% | 100% | 98% | 90% | 72% |
10 साल | 29.8% | 4.6% | 15.6% | 14.3% | 100% | 99% | 95% | 80% |
12 साल | 21.7% | 6.2% | 14.7% | 14.3% | 100% | 100% | 98% | 78% |
15 साल | 18.2% | 7.3% | 14.2% | 14.2% | 100% | 99% | 98% | 91% |
लंबी अवधि यानी 10, 12 और 15 साल में रिटर्न की स्थिरता और भरोसेमंद परिणाम साफ नजर आते हैं। 10 साल की अवधि में न्यूनतम रिटर्न 4.6% और औसतन 15.6% रहा, जबकि 12 और 15 साल की अवधि में औसत क्रमशः 14.7% और 14.2% रहा।
पॉजिटिव रिटर्न मिलने की संभावना भी SIP की अवधि बढ़ने के साथ बढ़ती जाती है। 3 साल की अवधि में 88% मामलों में पॉजिटिव रिटर्न मिला, जबकि 8 साल या उससे ज्यादा की अवधि में यह आंकड़ा 100% तक पहुंच गया। इसी तरह, 8% से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना 3 साल में 73% रही, लेकिन 10 साल के बाद यह लगभग 100% हो जाती है।
अगर 10% से ज्यादा रिटर्न की बात करें तो 3 साल में इसकी संभावना 66% है, जबकि 15 साल में यह बढ़कर 98% हो जाती है। वहीं 12% से ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना भी लंबी अवधि में लगातार बेहतर होती जाती है और 15 साल पर यह 91% तक पहुंच जाती है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जैसे-जैसे निवेश अवधि बढ़ती है, निवेशकों को 10% या उससे अधिक रिटर्न मिलने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, 10 साल या उससे अधिक के SIP में निवेशकों को लगभग 95-98% बार 10% से अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रही है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि SIP निवेशकों को लंबी अवधि के लिए करना चाहिए, क्योंकि लंबी अवधि में बाजार की अस्थिरता का असर कम होता है और रिटर्न स्थिर होता है। रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि पिछले रिटर्न भविष्य में गारंटी नहीं हैं और निवेशकों को हमेशा अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करना चाहिए। WhiteOak Capital के अनुसार, Sensex और Nifty के 10 साल के औसत रिटर्न क्रमशः 12.62% और 12.42% रहे हैं।
कुल मिलाकर यह डेटा साफ दिखाता है कि SIP में लंबी अवधि तक बने रहने से न सिर्फ पॉजिटिव रिटर्न की गारंटी बढ़ती है बल्कि बेहतर रिटर्न हासिल करने की संभावना भी काफी मजबूत हो जाती है।