बैंक ऑफ राजस्थान 31 मार्च 2009 तक प्रोमोटरों के शेयरहोल्डिंग को मौजूदा 37 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की तैयारी कर रहा है।
बैंक यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के तहत उठा रहा है। इस कदम से बैंक ऑफ राजस्थान अपने विकास योजनाओं और बेसल 2 के मानकों को पूरा करने के लिए 250 करोड रुपये जुटा पाने में सक्षम हो जाएगी।
बैंक ऑफ राजस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष पीएल आहुजा ने कहा कि हम रिजर्व बैंक के उन दिशा-निर्देशों पर गंभीरता से विचार कर रहें हैं जिसके तहत प्रोमोटर्स होल्डिंग का 10 प्रतिशत से ज्यादा पर अपना नियंत्रण नहीं रख सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम प्रिफरेंशियल एलॉटमेंट के जरिए 250 करोड रुपये जुटाने की योजना बना रहें हैं जिससे कि अगले एस साल केभीतर बैंक में प्रोमोटरों की हिस्सेदारी घटकर 10 प्रतिशत के करीब आ जाएगी। प्रवीण कुमार तयाल द्वारा प्रोमोटेड बैंक आफ राजस्थान चरणबध्द तरीकेसे बैंक में निजी भागीदारी का कम कर रही है। पिछले दिसम्बर से तयाल की हिस्सेदारी 44 प्रतिशत से घटकर 37 प्रतिशत तक रह गई है।
बैंक ऑफ राजस्थान ने वित्त वर्ष 2009 में 26,000 करोड रुपये के कारोबार का लक्ष्य रखा है। पीएल आहुजा ने बताया कि कि हम मौजूदा वित्त वर्ष में डिपॉजिट और एडवांस दोनों में 20 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी करना चाहते हैं। मालूम हो कि बैंक अगले एक सप्ताह के भीतर डिपॉजिट रेट में 25 से 50 बेसिक प्वाइंट बढ़ोतरी करने की योजना बना रहा है जोकि वर्तमान में 9.5 प्रतिशत है। फिलहाल देशभर में बैंक ऑफ राजस्थान की 464 शाखाएं हैं और इस वित्त वर्ष में यह 40 और नई शाखाएं खोलने की योजना है।