दुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहे भारतीय वाहन उद्योग ने महत्त्वपूर्ण कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार से अधिक सहयोग की वकालत की है। साथ ही कई वाहन कंपनियां और पुर्जा विनिर्माता अगली दो से तीन तिमाहियों के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने की योजना पर पहले से ही काम कर रहे हैं तथा यह सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाश रहे हैं कि उत्पादन प्रभावित न हो।
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एक्मा) के वार्षिक सत्र के मौके पर बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए प्रमुख दोपहिया वाहन कंपनी के निदेशक ने कहा कि वे दुर्लभ खनिज मैग्नेट मुक्त मोटरों पर आधारित कई मॉडलों का परीक्षण पहले ही शुरू कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘एक बड़ी कंपनी होने के नाते हमारा वॉल्यूम लाखों में है, इसमें कुछ वक्त लगेगा। इसलिए किसी तकनीक का परीक्षण, उसे मंजूरी दिलाना, जरूरी प्रमाणपत्र हासिल करना तथा उसके बाद विक्रेताओं के यहां उत्पादन बढ़ाना, इन सबमें कुछ वक्त लगता है। लेकिन, काम जारी है।’ अधिकारी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत से आपूर्ति का मसला जल्द ही सुलझने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘फिलहाल हमने त्योहारी सीजन के उत्पादन के लिए आपूर्ति सुनिश्चित कर ली है और हमें उम्मीद है कि चौथी तिमाही तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।’
एडवांस्ड ड्राइवर-असिस्टेंस (एडीएएस) सिस्टम, लाइटिंग और अन्य चीजें बनाने वाली बड़ी पुर्जा विनिर्माता कंपनी ने कहा कि उन्हें दुर्लभ खनिज मैग्नेट हासिल करने का वैकल्पिक रास्ता मिल गया है। कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम चीन के कई साझेदारों के साथ काम शुरू कर चुके हैं, जिसके तहत हम चीन में पुर्जें असेंबल कर रहे हैं और फिर उन्हें भारत ला रहे हैं। अपने पुर्जों में इस्तेमाल करने के लिए दुर्लभ खनिज मैग्नेट के अलावा वैकल्पिक तकनीक और सामग्रियों के संबंध में भी काम कर रहे हैं।’
एक्मा की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा, ‘महत्त्वपूर्ण कच्चे माल, दुर्लभ खनिज मैग्नेट, समीकंडक्टर और बैटरी इनपुट की उपलब्धता ऐसा रणनीतिक मसला बनती जा रही है, जिस पर राष्ट्र को ध्यान देने की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक अस्थिरता, व्यापार युद्ध, टैरिफ वृद्धि और निर्यात प्रतिबंध आपूर्ति श्रृंखला को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगे चलकर उन्हें महत्त्वपूर्ण कच्चे माल को सुनिश्चित करने, नए बाजारों तक पहुंच के लिए अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों को गहरा करने तथा अपने उद्योग की समूची प्रतिस्पर्धी क्षमता को मजबूत करने के लिए सरकारों के बीच घनिष्ठ साझेदारी की उम्मीद है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखलाओं को ‘तीव्र और विविध’ बनाने की आवश्यकता है ताकि वे बाधाओं का सामना करने में सक्षम हो सकें।