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G20 में PM मोदी की बड़ी अपील: दुनिया को अब मिलकर तैयार होना होगा आपदाओं के खिलाफ!

PM मोदी ने G20 में आपदा तैयारी, स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु लक्ष्यों के लिए वैश्विक सहयोग व डेक्कन सिद्धांतों पर आधारित साझा रोडमैप की अपील की।

Last Updated- November 23, 2025 | 9:00 AM IST
PM Modi (2)
Prime Minister Narendra Modi

जोहान्सबर्ग में जारी G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (स्थानीय समय) को वैश्विक स्तर पर आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग तेज करने की ज़रूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और प्रभाव बढ़ रहे हैं और ये मानवता के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। मोदी ने बताया कि भारत ने अपनी 2023 G20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के लिए “Disaster Risk Reduction Working Group” (आपदा जोखिम घटाने कार्य समूह) बनाया था और दक्षिण अफ्रीका को इस मुद्दे को प्राथमिकता देने के लिए सराहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा नीति सिर्फ आपदा के बाद की प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि विकास-केंद्रित नीतियां बनानी होंगी ताकि समाज अधिक टिकाऊ और सुरक्षित बन सके। उन्होंने यह भी कहा कि उपग्रह तकनीक का लाभ पूरी मानवता को मिलना चाहिए और इसीलिए उन्होंने G20 Open Satellite Data Partnership (ओपन सैटेलाइट डेटा पार्टनरशिप) का प्रस्ताव रखा है ताकि G20 सदस्य देशों की स्पेस एजेंसियों के सैटेलाइट डेटा को अधिक सुलभ और उपयोगी बनाया जा सके, खासकर ग्लोबल साउथ के लिए।

इसके अलावा मोदी ने सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण खनिजों (critical minerals) की अहमियत पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने “G20 Critical Minerals Circularity Initiative” (क्रिटिकल मिनरल्स सर्कुलैरिटी इनिशिएटिव) की पेशकश की, जिसका मकसद रिसाइक्लिंग, शहरी खनन (urban mining), बैटरियों का सेकंड-लाइफ इस्तेमाल, संयुक्त शोध और मानकीकृत तकनीकों को बढ़ावा देना है ताकि नई खुदाई पर निर्भरता कम हो और नवाचार को बढ़ावा मिले।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि G20 देशों के अंतरिक्ष एजेंसियों के उपग्रह डेटा और विश्लेषण को अधिक सुलभ, आपस में जुड़ा और उपयोगी बनाया जाना चाहिए, खासकर ग्लोबल साउथ के देशों के लिए। उन्होंने कहा कि यह पहल देशों के बीच साझेदारी और जानकारी के आदान-प्रदान को मजबूती देगी।

मोदी ने साफ ऊर्जा और टिकाऊ विकास को वैश्विक वृद्धि के लिए जरूरी बताया और कहा कि इसके लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों (critical minerals) को मानवता का साझा संसाधन माना जाना चाहिए। इसी कारण भारत ने “G20 Critical Minerals Circularity Initiative” का प्रस्ताव रखा है। उनका कहना था कि इस पहल से रीसाइक्लिंग, शहरी माइनिंग और बैटरियों के सेकंड-लाइफ जैसे नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि सर्कुलैरिटी में निवेश से प्राथमिक खनन पर निर्भरता घटेगी, सप्लाई चेन पर दबाव कम होगा और पर्यावरण को भी लाभ होगा। साथ ही, यह पहल संयुक्त शोध, सामान्य तकनीकी मानक और ग्लोबल साउथ में पायलट रीसाइक्लिंग सुविधाओं की स्थापना को सक्षम कर सकती है।

उन्होंने 2023 के नई दिल्ली G20 शिखर सम्मेलन में किए गए वायदों को याद दिलाते हुए कहा कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना और ऊर्जा-कुशलता दरों को दोगुना करने का लक्ष्य पूरा किया जाना चाहिए। इसी के साथ मोदी ने विकसित देशों से समय पर सस्ती जलवायु वित्तीय सहायता और आवश्यक तकनीक उपलब्ध कराने की अपील की।

मोदी ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन अब किसानों और दुनिया की खाद्य सुरक्षा के लिए बड़ी समस्या बन गया है। कई देशों के किसानों को जरूरी साधन और सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने बताया कि भारत में बड़े स्तर पर खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य बीमा और फसल बीमा जैसी योजनाएं चल रही हैं। मोदी ने यह भी कहा कि भारत पौष्टिक और पर्यावरण के लिए अच्छे अनाज  श्री अन्न (मिलेट्स) को बढ़ावा दे रहा है।

अंत में प्रधानमंत्री ने G20 के लिए नई दिल्ली में सहमति वाले “डेक्कन सिद्धांतों” (Deccan Principles) पर आधारित एक रोडमैप तैयार करने की अपील की, ताकि वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक और समन्वित समाधान मिल सके।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि न्यू दिल्ली G20 शिखर सम्मेलन में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा को तीन गुना और ऊर्जा-कुशलता को दोगुना करने पर सहमति बनी है। इसके लिए विकसित देशों को समय पर सस्ती जलवायु वित्तीय मदद और तकनीक उपलब्ध करानी होगी।

उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन और अन्य चुनौतियों के कारण हमारी कृषि और खाद्य सुरक्षा पर खतरा बढ़ रहा है। कई देशों में किसानों को उर्वरक, आधुनिक तकनीक, ऋण, बीमा और बाजार तक पहुँच में मुश्किलें आ रही हैं। भारत इन समस्याओं के समाधान के लिए अपने स्तर पर कई कदम उठा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा और पोषण समर्थन कार्यक्रम चला रहा है। साथ ही देश का स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम और फसल बीमा योजना भी सबसे बड़ी योजनाओं में शामिल हैं। भारत पोषण व पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी मिलेट्स (श्री अन्न) को बढ़ावा दे रहा है।

उन्होंने बताया कि दिल्ली G20 में इन मुद्दों पर डेक्कन सिद्धांतों (Deccan Principles) पर सहमति बनी है और अब इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर एक G20 रोडमैप विकसित किया जाना चाहिए।

समाप्ति में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मजबूती (रेज़िलिएंस) अकेले नहीं बनती। उन्होंने G20 से आग्रह किया कि पोषण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्थायी कृषि और आपदा-तैयारी को जोड़कर समेकित रणनीतियाँ अपनाई जाएँ, ताकि वैश्विक सुरक्षा मजबूत हो सके।

G20 शिखर सम्मेलन 2025 का समापन 23 नवंबर को हुआ।

(- एजेंसी इनपुट के साथ)

First Published - November 23, 2025 | 8:59 AM IST

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